Aman Sehrawat : पेरिस ओलिंपिक में भारत को रेसलिंग में कांस्य पदक जीताने वाले अमन सहरावत (Aman Sehrawat) ने देश को गौरवान्वित किया है. अमन भारत के लिए सबसे कम उम्र में ओलंपिक मेडल जीतने वाला खिलाड़ी बन गए हैं. अमन के पदक जीतने के साथ ही भारत के पदकों की संख्या 6 तक पहुंच गई है. अमन सहरावत ने कांस्य पदक से पहले अपना वजन काफी कम कर लिया था. जिसका खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू में किया है.
एक ओर जहां विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किलो वर्ग कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल से 100 कि.ग्रा. वजन ज्यादा होने से हिस्सा नहीं ले पाई थी. वहीं पुरुषों के 57 किलो वर्ग में अमन पर भी यही मुसीबत आ गई थी.
Aman Sehrawat का वजन था ज्यादा
दरअसल अमन सहरावत (Aman Sehrawat) ने 10 घंटे में 4.6 किलो वजन कम किया तब जाकर वह मैच में हिस्सा ले पाए थे. सेमीफाइनल हार के बाद गुरुवार को अमन सहरावत का वजन 61.5 किलो तक पहुंच गया था. जो पुरुष वर्ग में 57 किलो की सीमा से 4.5 किलो ज्यादा था. लेकिन अगले 10 घण्टों में उन्होंने अपने भारतीय कोचों के साथ 4.6 किलो का वजन कम किया. छह सदस्यीय कुश्ती दल से जुड़े दो वरिष्ठ भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेन्द्र दहिया की सहायता से यह लक्ष्य हासिल किया.
बताया जा रहा है कि जो विनेश फोगट के साथ हुआ वहीं अमन के साथ भी हुआ. लेकिन कोई भी उसके बाद एक और झटका नहीं सह सकता था.
सेमीफाइनल के बाद Aman Sehrawat ने किया जादू
21 साल के अमन (Aman Sehrawat) शाम करीब 6.30 बजे जापान के री हिगुची के खिलाफ़ हार गए. मगर भारतीय दल के पास समय नहीं था. अमन सहरावत ने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक लगातार दौड़ लगाई. वहीं 5-5 मिनट के सौना बाथ के भी 5 सेशन लिए. इसके अलावा अमन को जॉगिंग भी कराई गई. कोच की कड़ी मेहनत के साथ सुबह करीब 4:30 बजे अमन का वजन सीमा 57 किलो से थोड़ा कम 56.9 किलो निकला तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली.
अमन ने बताया कि रात 12.30 बजे वे जिम गए जहां उन्होंने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई. फिर 30 मिनट का ब्रेक दिया, उसके बाद 5 मिनट का सौना बाथ के पांच सेशन लिए.
Aman Sehrawat ने 10 घंटे में कम किया 4.6 किलो कम
अंतिम सत्र के अंत तक अमन (Aman Sehrawat) का वजन अभी भी 900 ग्राम अधिक था. फिर से व्ही किया गया और फिर कोचों ने उन्हें जॉगिंग करने को कहा. इसके बाद 15 मिनट का रनिंग सेशन हुआ. ब्रॉन्ज मेडल मैच से पहले अमन पूरी रात नहीं सोए और अपने वजन को कम करने में लगे रहे. वहीं उनके कोच राट भर कुश्ती के वीडियो देखते रहे और वजन कम कैसे करें इसके बारे में देखते रहे थे. रेसलर अमन सहरावत ने भारत को रेसलिंग का पहला पदक दिलाया. उन्होंने 57 किग्रा वेट क्लास में प्यूर्टो रिको के डर्लिन तुई क्रूज़ को 13-5 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता.
रातभर जागे, दौड़े और गर्म पानी से नहाए
अमन (Aman Sehrawat) ने इस मेडल को अपने दिवंगत माता-पिता और देश को समर्पित किया. कोच दहिया कहते हैं कि यह एक मिशन की तरह था, क्योंकि विनेश के साथ जो हुआ उसके बाद हम एक और झटका नहीं दे सकते थे. विनेश के 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अंतिम मैच से हट गई थी. और अब कोर्ट में केस लड़ रही हैं.
यह भी पढ़ें : गोल्ड जीतने के लिए पाकिस्तान के अरशद नदीम ने नीरज चोपड़ा से की चीटिंग! सोशल मीडिया पर हुआ सनसनीखेज खुलासा