Posted inन्यूज़

7 रुपए रोज की मजदूरी कर बनाई 3 करोड़ की कंपनी, बिहार के इस लाल ने विदेश में जमा दिया अपना सिक्का

Amardeep Kumar Of Bihar Started A Business Abroad By Working For Rs 7 And Creating A Company Worth Rs 3 Crore
Amardeep Kumar of Bihar started a business abroad by working for Rs 7 and creating a company worth Rs 3 crore

Amardeep Kumar : ‘कहते हैं ना जिसके हौंसलों में उड़ान होती है, उनका रुख तो आंधियां भी नहीं बदल सकती.’ बस इसी को लक्ष्य बनाकर सब कुछ पाया जा सकता हैं. यहीं किया है बिहार के रहने वाले अमरदीप कुमार (Amardeep Kumar) ने, जिसने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बलबूते करोड़ों कि कंपनी खड़ी कर दी है. इतना ही नहीं वह अपने स्थानीय लोगों को भी रोजगार से जोड़ता जा रहा है और पूरे देशभर के लोगों के लिए एक मिसाल बन चुका है.

बिहार के अमरदीप की प्रेरणादायक कहानी

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं बिहार के रहने वाले अमरदीप कुमार (Amardeep Kumar) कि जिन्होंने महज 7 रुपए दिन के हिसाब से वेटर की नौकरी की थी. जिससे उनका गुजारा बहुत मुश्किल से हो पाता था. 40 साल के अमरदीप ने बेहद कम पैसे में गुजारा कर अपने परिवार का भरण-पोषण किया था. अमरदीप का बचपन जीवनयापन के लिए काफी संघर्ष से भरा रहा. उनका दिन का काम सिर्फ रेस्टोरेंट में बर्तन धोने का था.

सुबह से शाम तक एक स्थानीय रेस्टोरेंट में काम करना, जिससे उन्हें प्रतिदिन केवल 7 रुपए मिलते थे जिससे उन्हें खाना मिलना भी मुश्किल हो जाता था. उस समय रेस्टोरेंट उनकी (Amardeep Kumar) दुनिया बन गया जहां उन्होंने वेटर से लेकर पॉटरी वॉश तक की भूमिकाएं निभाईं.

 7 रूपये से बनाई 3 करोड़ की कंपनी

अमरदीप (Amardeep Kumar) ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, ‘जीवनयापन के लिए कष्ट बहुत अधिक था. मैंने शिक्षा के सपने संजोए थे, लेकिन आर्थिक तंगी ने मुझे उस रेस्टोरेंट में रहने के लिए मजबूर कर दिया.’ लेकिन कहते हैं जो कोई सपने देखता है उनको रास्ता भी अपने आआप मिलने लग जाता है. ऐसे में रेस्टोरेंट मालिक अमरदीप पर दयालुता दिखाई और उन्हें आगे पढने के लिउए प्रेरित किया.

इससे अमरदीप खुद भी पढ़ते और दूसरे बच्चों को भी पढ़ाते थे. मालिक की दयालुता अमरदीप की उदास दुनिया में उम्मीद की किरण थी. युवा अमरदीप की क्षमता को पहचानते हुए उन्होंने छात्रों को पढ़ाया  और इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा का त्याग कभी नहीं किया जाना चाहिए. इस सलाह ने अमरदीप (Amardeep Kumar) की किस्मत को फिर से बदल दिया.

अगरबत्ती का बिजनेस बना वरदान

1989 से 1996 तक रेस्टोरेंट में बर्तन धोने से लेकर वेटर का काम करने तक अमरदीप ने काफी संघर्ष देखा लेकिन उनकी किस्मत इसके बाद बदल गई. अमरदीप (Amardeep Kumar) ने मेट्रिक कि परीक्षा पास की और साथ ही अन्य बच्चों को भी अपने साथ लिया. यह करने के बाद उनके सपने उन्हें पटना ले गए और बाद में वे दिल्ली भी गए. जहां उन्होंने सिविल सेवा के लिए परीक्षा भी दी लेकिन सफल नहीं हो सके थे. इसके बाद उन्होंने बेगलुरु में कॉर्पोरेट नौकरी भी की लेकिन उनका मन वहां भी नहीं लगा.

उसके बाद उनकी पत्नी हेमलता जो खुद बॉयोकेमेस्ट्री में डॉक्टर है उन्होंने उनको खुद का बिजनेस खोलने कि सलाह दी. इसके बाद उन्होंने 6 लाख रुपए के मामूली निवेश से शुरुआत करके उन्होंने एक सफल उद्यम खड़ा किया, जो न केवल 100 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करता है. उन्होंने मंदिर के बचे फूलों से अगरबत्ती बनाने का काम किया. जिसमें पर्यावरण संरक्षण का भी काम हो सके.

विदेशों में फैला कारोबार

इसके साथ ही उन्होंने (Amardeep Kumar) 2019 में ‘मोरंग देश वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कि स्थापन की जिसका टर्नओवर आज 3 करोड़ के करीब है. अमरदीप अपनी सफलता का श्रेय स्थानीय अधिकारियों और अपने लोगों के समर्थन को दे रहे हैं. स्थानीय कारीगरों की मेहनत का लाभ भी इसमें शामिल हैं. अमरदीप ने (Amardeep Kumar) बताया कि इन उत्पादों में विस्तार करने की योजना पर काम चल रहा है और जल्द ही उनके उत्पाद दुबई और यूके के अंतरराष्ट्रीय कारोबारी तक पहुंच जाएंगे.

यह भी पढ़ें : जब नीतू और ऋषि कपूर करते थे ये काम, तो देखकर सहम जाते थे रणबीर कपूर, छिपकर बैठ जाते थे ऐसी जगह जहां..

Exit mobile version