Rain: उत्तर भारत पानी में डूबा हुआ है. जहाँ भी देखो, पानी ही पानी नज़र आता है. यहाँ नदियाँ उफान पर हैं. बादल फटने की घटनाएँ बढ़ रही हैं. लोग पानी और बारिश (Rain) के कहर से हैरान और परेशान हैं. वे मदद का इंतज़ार कर रहे हैं.
किसी ने सोचा भी नहीं था कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल तबाही मचाने वाली बाढ़ इस बार पंजाब, हिमाचल और जम्मू में इतना भयानक रूप ले लेगी. इसी बीच चलिए आगे जानते IMD ने क्या चेतावनी दी है?
IMD ने 42 जिलों को किया अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगस्त के अंत में सिर्फ़ 72 घंटों में 300-350 मिमी बारिश (Rain) दर्ज की, जो इस अवधि के औसत से लगभग तीन गुना ज़्यादा है. अधिकारियों और मौसम विज्ञानियों ने इसे उत्तर भारत में चार दशकों से भी ज़्यादा समय में आई सबसे भीषण बाढ़ बताया है. लखनऊ और सहारनपुर समेत 42 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है. कई जगहों पर गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी चेतावनी है.
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अगले 24 घंटे में भारी बारिश
गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी अगले 24 घंटों में भारी बारिश (Rain) और गरज के साथ छींटे पड़ने का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम एजेंसी ने लोगों से इस दौरान सतर्क रहने को कहा है, खासकर जलभराव वाले निचले इलाकों में. इसके चलते राज्य सरकारों ने कई इलाकों में स्कूल बंद करने का फैसला किया है.
3 सितंबर 2025 को गाजियाबाद, नोएडा, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, नैनीताल, शिमला, चंडीगढ़, झज्जर में सभी स्कूल बंद रहेंगे. इसके तहत नर्सरी से कक्षा 12 तक के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है.
उफान पर हैं नदियां
यह बाढ़ 1988 की पंजाब की विनाशकारी बाढ़ की याद दिलाती है, जब सिंधु जल प्रणाली की उफनती नदियों ने कृषि भूमि और कस्बों के बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया था. इस बार भी, सिंधु, रावी, सतलुज, झेलम, चिनाब और व्यास नदियों वाली सिंधु नदी प्रणाली उफान पर थी.
हिमाचल प्रदेश इस खतरे का सामना करने वाला पहला राज्य था. जम्मू में चिनाब और झेलम नदियाँ खतरनाक रूप से बढ़ गईं. इस बार उत्तर भारत में पानी से हुई तबाही ने बिहार और पूर्वांचल में आई बाढ़ को शांत कर दिया.