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Boeing 787 या सिस्टम फेल? किसकी वजह से हुआ इतना बड़ा हादसा – एक्सपर्ट्स ने खोली पोल

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Boeing 787 or system failure? Which caused such a big accident

Boeing 787: गुजरात के अहमदाबाद से ब्रिटेन के लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा एयर इंडिया का विमान 171 गुरुवार को अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसे भारत में यात्री विमान से जुड़ी सबसे भीषण दुर्घटना माना जा रहा है. इस दुर्घटना में 265 लोगों की मौत हो गई। इसमें विमान में सवार 241 लोग शामिल हैं.

इस दुर्घटना में विमान में सवार केवल एक व्यक्ति ही बच पाया। तो चलिए इसी बीच एक्सपर्ट्स के राय जानते हैं की बोइंग 787 ( Boeing 787) या सिस्टम फेलियर? जिसके कारण हुआ इतना बड़ा हादसा।

सिर्फ एक इंसान क्यों बचा?

Air India Plane Crash

बोइंग 787 ( Boeing 787) विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद कॉकपिट में बैठे पायलटों ने मेडे कॉल किया। भारत के विमानन नियामक डीजीसीए के अनुसार, इस मेडे कॉल के बाद विमान की ओर से कोई और प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह स्पष्ट नहीं है कि मेडे कॉल क्यों दिया गया था. इस बीच, दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति रमेश विश्वास कुमार ने कहा है कि विमान को ऊंचाई तक पहुंचने में कठिनाई हो रही थी. इसी दौरान उन्होंने एक बहुत बड़ा धमाका सुना।

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

उड़ान भरने के बाद बोइंग 787 ( Boeing 787) विमान 625 फीट यानी 190 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया. इसके बाद इसे लगातार नीचे की ओर जाते हुए देखा गया और फिर पेड़ों और इमारतों के बीच गिर गया. इसके बाद विमान आग के गोले में तब्दील होता हुआ दिखाई दिया। विमानन विशेषज्ञों के अनुसार विमान का टेकऑफ तो सफल रहा, लेकिन टेकऑफ के तुरंत बाद यह ज्यादा ऊंचाई हासिल नहीं कर सका। कुछ प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया था कि विमान उड़ान भरने के बाद आवश्यक गति उत्पन्न करने में असमर्थ था और असफल हो गया, जिसके कारण दुर्घटना हुई.

कंपनी बोइंग की फ्लाइट्स

Boeing 787 Dreamliner

विमान 190 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने में कामयाब रहा और फिर नीचे गिरने लगा, इसलिए सवाल यह भी उठता है कि क्या विमान के दोनों इंजनों में कोई दिक्कत थी। हालांकि, एविएशन विशेषज्ञों के मुताबिक विमान के दोनों इंजनों का ‘पावर लॉस’ विमान दुर्घटना का एक कारण हो सकता है. हालांकि, हवा में 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इंजन बंद हो जाना ड्रीमलाइनर विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग 787 ( Boeing 787) के लिए अपनी तरह की पहली घटना है.

दरअसल, विमान के दोनों इंजन अलग-अलग स्वतंत्र इकाइयां हैं. ऐसे में अगर किसी एक इंजन में कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो दूसरा इंजन आसानी से विमान का भार संभाल सकता है और उसे सुरक्षित तरीके से उतार सकता है.

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