Doctor: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के छर्रा थाना क्षेत्र के पुरैनी गांव का रहने वाला देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर (Doctor) डेथ एक बार फिर कानून के शिकंजे में है। 67 वर्षीय यह कुख्यात अपराधी अपनी क्रूर हत्याओं और मानव अंग तस्करी के मामलों के लिए पूरे देश में कुख्यात हो चुका है. दिल्ली पुलिस ने उसे राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम से पुजारी के वेश में गिरफ्तार किया था। देवेंद्र पर 100 से ज्यादा हत्याओं और 125 से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का आरोप है।
Doctor का करियर
देवेंद्र शर्मा ने 1984 में बिहार से बीएएमएस आयुर्वेदिक डॉक्टर (Doctor) की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने राजस्थान के बांदीकुई में ‘जनता क्लिनिक’ नाम से क्लीनिक खोला. मेडिकल क्षेत्र में उनका करियर ज्यादा दिन नहीं चला. 1994 में गैस एजेंसी डीलरशिप के नाम पर 11 लाख रुपये की ठगी करने के बाद वह अपराध की दुनिया में आ गया.
किडनी ट्रांसप्लांट का बड़ा रैकेट
बता दें की 1998 से 2004 के बीच देवेंद्र शर्मा ने गुरुग्राम के एक डॉक्टर (Doctor) अमित के साथ मिलकर किडनी ट्रांसप्लांट का बड़ा रैकेट चलाया. इस दौरान उन्होंने 125 से ज़्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए, जिनमें से ज़्यादातर अवैध थे और बिना किसी मेडिकल अनुमति के किए गए थे. देवेंद्र को हर ट्रांसप्लांट के लिए 5 से 7 लाख रुपए मिलते थे. ज़्यादातर पीड़ित गरीब और अशिक्षित लोग थे, जिन्हें लालच देकर किडनी निकलवा दी जाती थी.
सीरियल किलर का खूनी खेल
उसके कई राज्यों में डॉक्टर (Doctor) और दलालों से संपर्क थे. किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उसे 5 से 7 लाख रुपए मिलते थे. इतना सब करने के बाद भी जब उसका मन नहीं भरा तो उसने टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाकर उनकी हत्या करना शुरू कर दिया। वह दिल्ली से टैक्सी किराए पर लेता और रास्ते में मौका मिलते ही ड्राइवरों की हत्या कर देता। हत्या के बाद वह शवों को यूपी के कासगंज में बहने वाली हजारा नहर में फेंक देता, ताकि कोई सबूत न पा सके। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसे हत्याओं की संख्या याद नहीं है, लेकिन उसने 50 से ज़्यादा हत्याओं के बारे में पुलिस को बताया।
पूरा परिवार बिखर चुका
डॉ. डेथ के नाम से कुख्यात डॉक्टर (Doctor) देवेंद्र शर्मा का पूरा परिवार बिखर चुका है। आरोपी की हरकतों की जानकारी मिलने पर उसकी पत्नी ने 2004 में ही रिश्ता तोड़ दिया था। वह अपने दोनों बेटों को लेकर दुबई चली गई थी. वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद बड़ा बेटा स्विट्जरलैंड में नौकरी करने लगा, जबकि छोटा बेटा केरल में रहकर एक फर्म में अच्छी नौकरी कर रहा है. 2004 के बाद देवेंद्र से इनमें से किसी ने मिलने या रिश्ता जोड़ने की कोशिश नहीं की है. यहां तक कि इसका कोई रिश्तेदार भी इसका नाम नहीं लेना चाहता.