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बाप भी सिपाही औप बेटा भी…. पिता-पुत्र की जोड़ी ने किया कमाल, एक साथ पुलिस सेवा में हुए चयनित

Father-Son Duo Did Wonders, Got Selected Together In Up Police
Father-son duo did wonders, got selected together in UP Police

UP Police : उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के उदयरामपुर नंगला गांव के पिता-पुत्र की जोड़ी ने कमाल कर दिया है। यशपाल नागर और उनके बेटे शेखर दोनों का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) कांस्टेबल के तौर पर हुआ है। दोनों को लखनऊ में डिफेंस एक्सपो स्थल पर नियुक्ति पत्र मिले।

यशपाल पहले सेना की आयुध कोर में थे। अब वह अपने बेटे के साथ यूपी पुलिस में कांस्टेबल बनेंगे। पिता-पुत्र दोनों की इस सफलता से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।

यूपी में पिता-पुत्र की जोड़ी बनी कांस्टेबल

दोनों पिता और पुत्र नियुक्ति पत्र लेने स्थल पर पहुंचे, जहां गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे। यूपी पुलिस (UP Police) का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद पिता-पुत्र दोनों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। दोनों ने एक दूसरे को बधाई दी। नियुक्ति पत्र लेने जाने से पहले जब दोनों नवीन मंडी पहुंचे तो दोनों को दोनों के बारे में पता चला।

यहां एसपी की ब्रीफिंग में दोनों को दोनों के बारे में पता चला। यशपाल नागर के बेटे शेखर ने बताया कि वह अपने पिता यशपाल के साथ लाइब्रेरी में जाकर साथ में पढ़ाई करते थे। दोनों ने परीक्षा की खूब तैयारी की।

पिता यशपाल ने पहले दी सेना में 16 साल सेवा

हापुड़ के पास उदयरामपुर नंगला गांव के रहने वाले यशपाल नागर 2003 में सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने 16 साल तक देश की सेवा की और 2019 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद वह दिल्ली में सेना की आयुध कोर में कार्यरत थे। 2024 में उन्होंने और उनके बेटे शेखर ने कांस्टेबल (UP Police) भर्ती के लिए एक साथ परीक्षा दी थी। दोनों परीक्षा में सफल रहे। यशपाल ने सेना की आयुध कोर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।

कड़ी मेहनत और लगन से दोनों ने पाई मेहनत

आखिरकार कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी करने के बाद वह पास हो गए। उनके साथ ही उनके पिता भी परीक्षा में सफल हुए। साथ ही वह सीडीएस और उत्तर प्रदेश (UP Police) दरोगा भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। शेखर ने बताया कि मां अनीता गृहिणी हैं। एक बहन पढ़ाई कर रही है और छोटा भाई 12वीं पास कर चुका है। नियुक्ति पत्र लेने लखनऊ जाने से पहले पिता-पुत्र नवीन मंडी पहुंचे। वहां से उन्हें अन्य अभ्यर्थियों के साथ लखनऊ जाना था।

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