Richest Spiritual Gurus of India: भारत में धर्म और अध्यात्म का हमेशा से गहरा जुड़ाव रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में धार्मिक गुरु सिर्फ आध्यात्मिक मार्गदर्शक ही नहीं रहे, बल्कि बड़े कारोबारी साम्राज्य खड़े करने में भी सफल हुए हैं। योग, प्रवचन, आश्रम और ट्रस्ट से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक का नेटवर्क बनाने वाले ये गुरुओं की संपत्ति अरबों में है। आइए जानते हैं भारत के कुछ सबसे रईस धार्मिक गुरुओं (Richest Spiritual Gurus of India) के बारे में।
भारत के सबसे रईस धार्मिक गुरु
1. बाबा रामदेव
इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है योगगुरु बाबा रामदेव का। बाबा रामदेव ने न सिर्फ योग को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया, बल्कि पतंजलि आयुर्वेद जैसी विशाल कंपनी खड़ी की। आज पतंजलि का कारोबार हजारों करोड़ रुपये में है। बाबा रामदेव का सीधा दावा संपत्ति पर नहीं है, लेकिन कंपनी से उनकी पकड़ और प्रभाव ने उन्हें भारत के सबसे प्रभावशाली और अमीर गुरुओं (Richest Spiritual Gurus of India) की सूची में शामिल कर दिया है।
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2. गुरमीत राम रहीम
वहीं, इस लिस्ट (Richest Spiritual Gurus of India) में दूसरा नाम गुरमीत राम रहीम का है, जो डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख हैं। उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है। विवादों और जेल की सजा के बावजूद उनके साम्राज्य की जड़े गहरी हैं। डेरा की संपत्ति हजारों करोड़ की मानी जाती है, जिसमें जमीन, आश्रम, वाहन और दान की रकम शामिल है।
3. श्रीश्री रविशंकर
इस लिस्ट में तीसरा नाम श्रीश्री रविशंकर का है। जो आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक, दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनका संगठन 150 से ज्यादा देशों में सक्रिय है। करोड़ों अनुयायी, बड़े-बड़े आयोजन और ट्रस्ट के जरिए वे अध्यात्म के साथ-साथ अपार संपत्ति (Richest Spiritual Gurus of India) के मालिक माने जाते हैं।
4. सत्य साईं बाबा
सत्य साईं बाबा का नाम भी इस सूची में लिया जाता है। हालांकि उनका निधन हो चुका है, लेकिन उनके आश्रम और ट्रस्ट की संपत्ति आज भी हजारों करोड़ आंकी जाती है। उनका साम्राज्य कई अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के रूप में आज भी कायम है।
इसके अलावा आसाराम बापू, जो फिलहाल जेल में हैं, उनके साम्राज्य की भी संपत्ति सैकड़ों करोड़ रुपये में आंकी गई थी। वहीं, साध्वी रितंभरा और कुछ अन्य संतों का भी बड़ा नेटवर्क है।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में धार्मिक गुरुओं (Richest Spiritual Gurus of India) ने आस्था को कारोबार में बदलकर अरबों की संपत्ति बनाई है। इनमें से कुछ ने समाजसेवा और शिक्षा पर ध्यान दिया, तो कुछ विवादों और कानूनी लड़ाइयों में फंसकर अपना प्रभाव खो बैठे।
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