लगातार सोने चांदी की कीमतों में उतार चढाव जारी है। साल 2020 अगस्त में सोने ने रिकॉर्ड का हाई लेवल छुआ था। लगातार सोने की कीमतों में उछाल आया है। पिछले दो साल में सोने ने निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार अगले साल भी सोने में उछाल नजर आई है।
कोरोना के चलते दुनिया भर में फैली आर्थिक अनिश्चितता के कारण सोने में सुरक्षित विकल्प के रूप में निवेश बढ़ा है। वही वैक्सीन आने के बाद फिर सोने की चमक अगले साल फीकी नहीं पड़ेगी। अगले साल महंगाई बढ़ने की आशंका है जिसके चलते इसकी चमक अगले साल बनी रहेगी।
डॉलर में आई गिरावट
अगस्त में दिल्ली सर्राफा बाजार में 24 कैरट 10 ग्राम सोने का दाम 59300 रुपये तक पहुंच गया था जिसकी कीमत आज 53200 रुपये पर है। यही नहीं सोने के दाम में अगस्त का रिकॉर्ड ऊंचाई से लगभग 6100 रुपये की गिरावट आई है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार सोने में निवेश करने का अभी सही समय है।
इससे पहले दो साल तक गोल्ड में निवेश ने बेहतर रिटर्न दिया है और यह ट्रेंड अगले साल भी जारी रहेगा। डॉलर में गिरावट आई जिससे सोने में निवेश बढ़ सकता है। बाजारों से मांग बढ़ने के बाद से सोने के दाम में उछाल आने की संभावना है।
यदि महंगाई अगले साल भी वर्तमान स्तर पर बनी रही तो यूएस ट्रेजरी यील्ड्स कम होने से यूएस रीयल यील्ड्स कम हो सकता है जिससे डॉलर कमजोर होगा और सोने के भाव बढ़ सकते हैं। साल 2020 में राजकोषीय घाटे में बहुत अधिक बढ़ोतरी दर्ज़ हुई। अगले साल इस घाटे में कमी आएगी फिलहाल फिर यह बना रहेगा।
पिछले दो वर्षो में सोने ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। इस साल कोरोना महामारी के चलते इक्विटी बाजार का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा। वहीं सोने ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। साल 2019 की में सोने ने 24 फीसदी का रिटर्न दिया। इस प्रकार पिछले दो साल में सोने ने निवेशकों को करीब 52 फीसदी का रिटर्न दिया है।
अगले साल भी गोल्ड की चमक बनी रहेगी और निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा। वैक्सीन आने के साथ ही आर्थिक आउट लुक बेहतर हो रहा है। स्थिति यह है कि आर्थिक रिकवरी बेहतर हो और मौद्रिक नीतियों कठोर बनी रहें व दरें अधिक हों तो सोने के दाम गिर सकते हैं।
इसके अलावा एक और स्थिति यह है कि आर्थिक रिकवरी तो हो और प्रोत्साहन पैकेज जारी रहे और यूएस रीयल यील्ड में गिरावट आए तो सोने के दाम में तेजी आएगी। जिस तरह से परिस्थितियां बनती दिख रही हैं, उसमें अगले साल भी प्रोत्साहन की आशंका बनती नजर आ रही है और सोने की चमक में दिख रही है। वैक्सीन ड्रिस्ट्रीब्यूशन और ग्रोथ रिकवरी के चलते साल 2021 की पहली छमाही में सोने के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
पहुंच सकता है 58 हजार तक
सोने ईटीएफ को निवेशकों ने लिक्विडेट किया और वैक्सीन के आने से =आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ तो सोने के भाव टूट सकते हैं। फिलहाल केडिया के अनुसार साल 2021 की पहली छमाही में सोने के दाम एक बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई की तरफ बढ़ सकते हैं और 4-6 महीने में 56,000-58,000 के दाम पर बने रह सकते हैं। जिससे 2021 की दूसरी छमाही में उसकी चमक धुंधली हो सकती है। अगले साल सोने की कीमत 50 हजार के स्तर पर बनी रह सकते हैं।