टीम इंडिया (Indian Cricket Team) के स्टार ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने शुक्रवार 23 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेटों से संन्यास लेने का ऐलान किया था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 711 विकेट लेने के बाद अपनी पारी को विराम देने के बाद भज्जी (Harbhajan Singh) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने खुद को अचानक टीम से बाहर किए जाने को लेकर बड़ी बात कही है.
दरअसल ‘दैनिक जागरण’ से बातचीत के दौरान हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कहा कि-“जब कोई 400 से अधिक विकेट लेता है और फिर उसे मौका नहीं मिलता है या उसे ड्रॉप का कारण नहीं बताया जाता है, तो मन में कई तरह के सवाल उठते हैं. मैंने कई लोगों से टीम से बाहर होने के बारे में पूछा, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला.”
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बातचीत के दौरान आगे कहा कि- “उस समर्थन को पाकर हमेशा अच्छा लगता है. मैं कहूंगा कि अगर मुझे सही समय पर समर्थन मिलता, तो मैं 500-550 विकेट लेने के बाद बहुत पहले ही संन्यास ले लेता क्योंकि जब मैं 400 विकेट के आंकड़े तक पहुंचा था तब मैं 31 साल का था. अगर मैं 3-4 साल और खेलता, तो मैं 500 विकेट तक पहुंच जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”
अंत में Harbhajan Singh ने कहा कि, “कई कारण थे और अगर मैं उन पर ध्यान दूं, तो हम शायद बहुत सी चीजें खो देंगे. मुझे 2001-02 के बाद कभी समर्थन की आवश्यकता महसूस नहीं हुई. 400 विकेट लेने के बाद मुझे समर्थन की जरूरत थी और अगर किसी खिलाड़ी को उस मुकाम तक पहुंचने के बाद इसकी जरूरत होती है, तो मुझे नहीं पता कि हम अपने खिलाड़ियों की देखभाल कैसे करते हैं.”