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‘मकबरा नहीं, मंदिर है!’ कहकर पूजा करने पहुंचे हिंदू संगठन, यूपी के फतेहपुर में तोड़फोड़ के बाद तनाव

Hindu Organizations Reached Fatehpur In Uttarpradesh To Worship Saying 'It Is Not A Tomb, It Is A Temple!' Tension After Vandalism

Uttarpradesh: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सोमवार को एक धार्मिक स्थल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। मामला शहर के नवाब अब्दुल समद मकबरे का है, जिसे पुरातात्विक और राजस्व अभिलेखों में एक ऐतिहासिक मकबरे के रूप में दर्ज किया गया है। हालांकि, स्थानीय हिंदू संगठनों का दावा है कि यह कोई मकबरा नहीं बल्कि प्राचीन शिव और श्रीकृष्ण मंदिर का स्थान है। इसी दावे के आधार पर सोमवार को बड़ी संख्या में हिंदू संगठन और कार्यकर्ता पूजा-अर्चना के लिए वहां पहुंचे।

हाथों में भगवा झंडे, त्रिशूल लेकर पहुंचे हिंदू संगठन के लोग

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वहां मौजूद (Uttarpradesh) लोगों के अनुसार, सुबह से ही बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता परिसर के बाहर इकट्ठा हो गए थे। उनके हाथों में भगवा झंडे, त्रिशूल और धार्मिक पोस्टर थे। इस दौरान भाजपा के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल भी पहुंचे और दावा किया कि परिसर में मौजूद कमल के फूल और अन्य धार्मिक प्रतीक यह साबित करते हैं कि यहां पहले मंदिर था। उन्होंने कहा कि यह हिंदू आस्था का स्थान है और यहां पूजा करना उनका अधिकार है।

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भीड़ ने मचाई तोड़फोड़

प्रशासन ने विवाद की आशंका को देखते हुए मकबरे के आसपास भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की थी, साथ ही बैरिकेड लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लेकिन भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और परिसर में घुसकर कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की। इस दौरान नारेबाजी भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

मुस्लिम पक्ष ने जताई नाराजगी

मुस्लिम समुदाय और राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के प्रतिनिधि मो. नसीम ने इस घटना पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे इतिहास और साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाते हैं। उनका सवाल था – “क्या अब हर मकबरे के नीचे मंदिर खोजा जाएगा?”

पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और किसी भी अफवाह से बचने की चेतावनी दी है। वहीं, हिंदू संगठन अपने दावे पर अडिग हैं और भविष्य में भी इस स्थल पर पूजा करने की घोषणा कर रहे हैं।

यह घटना एक बार फिर धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक ढांचे को लेकर चल रहे विवादों को सुर्खियों में ले आई है, जहां आस्था और इतिहास के बीच टकराव से कानून-व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...

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