Hindu Protest in Dhaka: पड़ोसी देश बांग्लादेश में इन दिनों अफरा तफरी का महौल है। हिंसक आंदोलन की वजह से 15 सालों से पीएम की कुर्सी पर काबिज शेख हसीना को अपना देश छोड़कर भारत की शरण लेनी पड़ी है। तो मौके का फायदा उठाकर कुछ कट्टरपंथी लोग हिंदुओं (Hindu Protest in Dhaka) और उनके मंदिरों को अपना निशाना बना रहे हैं। इसी बीच देश में एक अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। जिसकी कमान नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस ने खुद संभाली है। नई सरकार का गठन होते ही हजारों हिंदुओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है और सरकार के सामने अपनी कुछ मांगे रख दी हैं।
सड़कों पर उतरे हजारों हिंदू
5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से लेकर अब तक हालात काबू में नहीं आ पाए हैं। पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंदुओं पर बढ़े अत्याचारों ने भारत की चिंता भी बढ़ा दी है। उधर अंतरिम सरकार के गठन होने के बाद हजारों हिंदू सड़कों पर उतर (Hindu Protest in Dhaka) गए हैं और रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि “ये देश किसी के बाप का नहीं है, हमने इस देश के लिए अपना खून दिया है, और जरूरत पड़ी तो फिर से दे देंगे, हम किसी भी हालत में बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे”। प्रदर्शन करने पहुंचे कई लोगों ने अपने हाथ में पोस्टर पकड़े हुए थे और वो जोर जोर से नारेबाजी कर अपनी आवाज अंतरिम सरकार और हिंदुओं पर हिंसा कर रहे लोगों के कानों में पहुंचाना चाहते थे।
अल्पसंख्यकों ने रखी चार मांगे
बांग्लादेश एक मुस्लिम देश है और वहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं। एक ओर भारत में जहां सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए अनेकों कदम उठाती है तो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव को पूरा विश्व देख रहा है। लगातार हिंदुओं पर हो रही हिंसा (Hindu Protest in Dhaka) का विरोध करते हुए हजारों की संख्या में हिंदू प्रदर्शनकारी दोपहर लगभग 3 बजे नेशनल प्रेस क्लब के सामने एकत्रित हुए और मार्च करते हुए शाहबाग चौराहा पहुंचे।
इस रैली के दौरान हिंदू समुदाय ने अपनी चार सूत्रीय मांगे रखी और चेतावनी दी की अगर मांगे नहीं मानी गई तो प्रदर्शन एक आंदोलन में तब्दील हो सकता है। हिंदू समुदाय ने मांगे रखी हैं की- अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना की जाए, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन किया जाए, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सरकार एक सख्त कानून लागू करे और देश में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन किया जाए।
हसीना के हटते ही हिंदुओं पर बढ़े हमले
एक रिपोर्ट के अनुसार ये सामने आया है कि 5 अगस्त के बाद से लेकर अब तक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के उत्पीड़न की करीब 205 घटनाएं सामने आई हैं। कट्टरपंथी लोगों (Hindu Protest in Dhaka) के दिलों में कई सालों से भरी नफरत अब खुलकर सामने आ रही है। हिंदू समुदाय के कई लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। घरों में घुसकर लूटपाट और तोड़फोड़ की गई। हिंदू लोगों के कारोबार को नुकसान पहुंचाने के लिए कई लोगों के गोदामों में आग लगा दी गई और मंदिरों पर भी तोड़फोड़ करने की कोशिस की गई ।