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Paris Paralympic 2024 : देश के लिए गंवाया पैर, लेकिन फिर भी नहीं मानी हार, अब देश के लिए जीता मेडल 

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Hokato Hotozhe Sema : भारतीय एथलीट्स का पेरिस पैरालंपिक में मेडल का सिलसिला जारी है. भारत की झोली में नवीनतम पदक नागालैंड के होकाटो होटोज़े सेमा (Hokato Hotozhe Sema) ने कांस्य के रूप में शामिल किया. उन्होंने मेन्स शॉट पुट F47 इवेंट में तीसरे स्थान को हासिल किया. पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए भारत ने अभी तक 27 मेडल अपने नाम कर चुका है. सेमा ने पिछले साल हांग्जो पैरा खेलों में भी कांस्य पदक जीता था और पेरिस में भी अपना प्रदर्शन बरकरार रखा है. वह पैरालिंपिक में मेडल जीतने वाले नागालैंड के पहले एथलीट (Hokato Hotozhe Sema) भी हैं.

नागालैंड के Hokato Hotozhe Sema ने जीता कांस्य पदक

यह 40वें वर्ष का पैरालंपिक में पहला मौका था और उन्होंने इस मंच पर अपना प्रमाण दिया. भारतीय सेना में कार्यरत रहें और वर्तमान में पुणे में रहने वाले दीमापुर में जन्में सेमा (Hokato Hotozhe Sema) ने शुरुआत में 13.88 मीटर और फिर 14.00 मीटर तक दूरी तय की. इसके बाद उनकी दूरी 14.40 मीटर, 14.65 मीटर, 14.15 मीटर और 13.80 मीटर थी.

यह 14.65 मीटर उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो भी है. होकाटो होटोजे सेमा ने शुक्रवार देर रात पेरिस में स्टेड डी फ्रांस को 2024 पैरालिंपिक के पुरुषों के शॉटपुट F57 बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता. 40 साल के एथलीट (Hokato Hotozhe Sema) ने अपने चौथे प्रयास में 14.65 का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए चल रहे पैरालंपिक खेलों में 27वां पदक पक्का किया.

मेंस शॉटपुट में कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ी बनें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लिखा, ‘हमारे देश के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि होकाटो होटोजे सेमा ने पुरुषों के शॉटपुट F57 में कांस्य पदक जीता है. उनकी अद्भुत शक्तियाँ और दृढ़ संकल्प हैं. उन्हें बधाई. आगे के प्रयास के लिए शुभकामनाएँ.’ नागालैंड के एथलीट (Hokato Hotozhe Sema) ने 14.40 के साथ तीसरे थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया और चौथे प्रयास में और सुधार किया.

दूसरे भारतीय एथलीट सोमन राणा 14.07 के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पांचवें स्थान पर रहे. अपने प्रयास के सेट को पूरा करने में वे तीसरे स्थान पर रहे लेकिन फ़िनलैंड के टीज़ो कूपिका और होटोजे के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बाद वे रैंकिंग में नीचे आ गए.

 

होटोजे (Hokato Hotozhe Sema) के थ्रो के सेट को पूरा करने के बाद सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी अर्जेंटीना के पाब्लो डेमियन जिमेनेज और फ्रांस के विटोलियो कावाकावा थे. लेकिन दोनों एथलीट केवल 12.99 का सर्वश्रेष्ठ प्रयास ही कर पाए. बता दें समा ने बहुत संघर्षों के बाद ये स्थान पाया हैं. बता दें एक दुर्घटना में उन्होंने अपना पैर गंवा दिया था.

बात साल 2002 कि हैं जब वह (Hokato Hotozhe Sema) LOC पर एक सैन्य अभियान के दौरान तैनात थे. वहां पर बारूदी सुरंग विस्फोट के कारण सेमा ने अपना बायां पैर खो दिया. लेकिन इससे उनकी विशिष्टता नहीं डगमगाईं और उन्होंने 32 साल की उम्र में शॉटपुट में भाग लेने का निर्णय लिया. वर्तमान में भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कर्मचारी हैं.

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सेना में रहते हुए गंवा चुके थे अपना बायां पैर

होकातो होटोजे सेमा (Hokato Hotozhe Sema) अपने जीवन में मुसीबतों का सामना करते हुए आगे बढ़े हैं. वह थल सेना के असम रेजिमेंट में हवलदार थे. साल 2002 में उनके साथ जो हादसा हुआ वह इससे उभरे और अपने जज्बे को कायम रखा है. उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा और देश के लिए नाम कमाने का काम जारी रखा. अपना एक पैर गंवाने के बाद होकाटो ने ओल गोल्ड क्वेस्ट (ओजीक्यू) की मदद से अपना एथलेटिक्स में प्रयास शुरू हुआ.

होकाटो (Hokato Hotozhe Sema) ने 2022 में मोरक्को ग्रांड प्रिक्स में सिल्वर मेडल जीता था. इस साल की शुरुआत में वह विश्व रैंकिंग में भी चौथे स्थान पर रहे थे.

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