IAS Aspirant: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक चौंकाने वाली और दर्दनाक घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, UPSC की तैयारी (IAS Aspirant) कर रहा एक 17 वर्षीय छात्र मानसिक उलझन और अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसने इंटरनेट पर गूगल और यूट्यूब वीडियो देखकर जेंडर चेंज से जुड़ी जानकारी जुटाई और फिर खतरनाक कदम उठाते हुए खुद ही अपना प्राइवेट पार्ट काट डाला।
छात्र ने खुद को किया घायल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र (IAS Aspirant) ने पहले इंटरनेट पर गूगल और यूट्यूब से जानकारी जुटाई। उसने एनेस्थेसिया का इंजेक्शन लेकर खुद को सुन्न किया और फिर ब्लेड से खुद को घायल कर लिया। जब एनेस्थेसिया का असर खत्म हुआ तो दर्द असहनीय हो गया।
हालत बिगड़ने पर हॉस्टल मालिक और अन्य लोगों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। स्वारूप रानी नेहरू अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है और फिलहाल उसकी जान खतरे से बाहर बताई जा रही है।
#prayagraj जेंडर चेंज करने के लिए युवक का खौफनाक कदम,लड़की बनने के लिए काटा प्राइवेट पार्ट,खुद एनेस्थेसिया का इंजेक्शन लगाकर काटा पार्ट,अमेठी का रहने वाला युवक #UPSC की तैयारी करता है,युवक का कहना है वह लड़का नही बल्कि लड़की है,लड़की बनने के लिए यूट्यूब पर सर्च करता था तरकीब! pic.twitter.com/O59q32x6YZ
— अजय सरोज (पत्रकार) (@journalistsaroj) September 12, 2025
यह भी पढ़ें: खूबसूरती के लिए खुद को भूखा रखती हैं ये एक्ट्रेस, 9 दिन सिर्फ पानी पर जिंदा रहती हैं
डॉक्टर के कहने पर उठाया कदम
खबरों में यह भी दावा किया गया है कि छात्र (IAS Aspirant) ने किसी डॉक्टर से परामर्श लिया था और डॉक्टर ने ही उसे इस तरह का कदम उठाने की सलाह दी थी। हालांकि, यह दावा अभी जांच के अधीन है और इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस और अस्पताल प्रशासन इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं।
उठे गंभीर सवाल
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है। सबसे पहले, यह युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य और जेंडर डिस्फोरिया जैसे मुद्दों की गंभीरता को सामने लाती है। दूसरा, यह बताती है कि इंटरनेट से मिली अधूरी या गलत जानकारी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जेंडर पहचान या मानसिक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को पेशेवर काउंसलिंग और चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता होती है, न कि आत्मघाती प्रयासों की।
फिलहाल छात्र (IAS Aspirant) का इलाज जारी है। प्रशासनिक और चिकित्सकीय स्तर पर जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि घटना के पीछे असल कारण क्या थे। लेकिन इतना साफ है कि समाज और परिवार दोनों को मिलकर ऐसे युवाओं को संवेदनशील माहौल और सही मार्गदर्शन देना बेहद जरूरी है।
यह भी पढ़ें: ग्लैमर और दिमाग का कॉम्बो हैं ये 3 लेडी IAS-IPS, बॉलीवुड हीरोइनें भी रह गईं पीछे