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जानिए 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है आजादी का जश्न, आधी रात को क्यों लिया गया ये फैसला, इसके पीछे हैं रोचक कहानी

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Independence Day: भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मना रहा है. 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था. लेकिन किसी को ये बात शायद ही पता होगी कि ये तय किस तारीख को हुआ था कि देश की आजादी की तारीख क्या होगी. और कैसे इस तारीख को ही आजादी कि तारीख बताई गई थी. आज आपको इस लेख में इसी तरह की संबंधित जानकारी विस्तार से दी जाने वाली है.

आज भारत मना रहा है 78वां स्वाधीनता दिवस

Independence Day
बता दें भारत के लोगों की पिछली कुछ महीनों की मेहनत थी. विदेशी इतिहासकार डॉमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिन्स ने अपनी पुस्तक ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में इस प्रश्न का उत्तर दिया है. हिंदी में यह किताब ‘आधी रात को आजादी’ के नाम से प्रकाशित हुई है. दोस्तों जानते हैं कि 14 अगस्त की आधी रात को ही भारत की आजादी (Independence Day) की घोषणा क्यों की गई थी. दरअसल 2 जून 1947 को भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के कमरे में 7 भारतीय नेता को बुलाया गया था.

2 जून 1947 को ही भारत की आजादी का हुआ फैसला

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इन नेताओं में कांग्रेस से जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और कृपलानी थे, जबकि मुस्लिम लीग से मोहम्मद अली जिन्ना, अलीकत ख़ान और अब्दुर्रब निश्तर थे. वहीं इस कमरे में सिखों के प्रतिनिधि बलदेव सिंह क्षेत्र थे. कई बैठकों के बाद जब स्ट्रेंथ गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन भारत की आजादी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तब उनसे पूछा गया था कि वे भारत की आजादी (Independence Day) की तारीख क्या तय कर रहे हैं?
अचानक पूछे गए इस प्रश्न के लिए माउंटबेटन तैयार नहीं थे, लेकिन उन्होंने सोचा कि इसका उत्तर देने के लिए सहमति है और झटपट उन्होंने एक तारीख की समीक्षा के लिए विचार किया.

15 अगस्त की तारीख को माउंटबेटन ने किया था डिसाईड

उन्हें याद आया 15 अगस्त 1945 का वो गौरवमयी दिन, जब जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपना आत्मसमर्पण किया था. माउंटबेटन द्वितीय विश्व युद्ध में दक्षिण-पूर्व एशिया कमांड के सर्वोच्च सहयोगी कमांडर थे. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भारत की आजादी (Independence Day) की तारीख 15 अगस्त 1947 तय कर दी. ये तुरंत लिया गया फैसला था. इसकी घोषणा के बाद ब्रिटेन की संसद ने माउंटबेटन तय में ‘इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947’ की तारीख पर विचार किया.

माउंटबेटन ही बने थे भारत के पहले वायसराय

किताब ‘आधी रात को आजादी’ में बताया गया है कि 14 तारीख को ही आजादी की घोषणा के पीछे ज्योतिषियों की राय थी. ज्योतिषियों का ऐसा मानना ​​था कि किसी भी राष्ट्र की आजादी को शुभ और पवित्र कार्य के रूप में 15 अगस्त को मनाना शुभ नहीं है. साथ ही ग्रह-नक्षत्र की गणना से भी 15 अगस्त के दिन महत्वपूर्ण काम करना ठीक नहीं है. ज्योतिषियों ने कहा है कि यदि 15 अगस्त (Independence Day) की तारीख निर्धारित हो तो इसका हल निकाला जा सकता है. तब ज्योतिषियों ने 14 अगस्त 1947 की आधी रात को आजादी की घोषणा की थी.

ज्योतिषों के कहने के बाद लिया था यह फैसला

आज़ादी की तारीख 15 अगस्त ही बनी रही. लेकिन ज्योतिषियों द्वारा बताया गया है कि कहीं न कहीं अनिष्ट की आशंका बनी हुई थी. तब उपाय पूछा गया. फिर आजादी (Independence Day) की घोषणा अर्धरात्रि को की गई. ज्योतिषियों द्वारा सुझाए गए इस विकल्प को वायसराय ने स्वीकार कर लिया और फिर वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल भी बने.

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