Indian Soldier: भारतीय सेना के एक जवान (Indian Soldier) को जासूसी रैकेट में गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस ने सेना के जवान देवेंद्र सिंह को सलाखों के पीछे भेज दिया है। आरोप है कि कश्मीर के बारामूला में तैनात (Indian Soldier) देवेंद्र सिंह आईएसआई एजेंट के तौर पर काम कर रहा था और गुप्त रूप से पाकिस्तान को खुफिया जानकारी भेज रहा था।
पंजाब पुलिस ने आर्मी के देवेंद्र को किया गिरफ्तार
हाल ही में पंजाब पुलिस ने सेवानिवृत्त भारतीय सेना के जवान (Indian Soldier) गुरप्रीत को गिरफ्तार किया था और उससे पूछताछ के बाद देवेंद्र का खुलासा हुआ था। इस पर कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने 14 जुलाई को देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। गुरप्रीत और देवेंद्र सेना में साथ काम कर चुके हैं। ट्रेनिंग के दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी। गुरप्रीत एक आईएसआई अधिकारी के सीधे संपर्क में था और सेना की खुफिया जानकारी लीक करता था।
देवेंद्र ने जेल के कैदी गुरप्रीत को पहुंचाई मदद
जांच में पता चला कि देवेंद्र ने फिरोजपुर जेल में रहने के दौरान गुरप्रीत की मदद की थी। खासकर गोपनीय सैन्य दस्तावेज हासिल करने में उसकी मदद की थी। एसएसओसी की जांच में पता चला है कि गुरप्रीत सिंह ने जम्मू-कश्मीर और सिक्किम जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात रहते हुए सेना में महत्वपूर्ण सैन्य जानकारी एकत्र की थी। जेल में रहते हुए उसने यह जानकारी आईएसआई एजेंटों को भेजना शुरू कर दिया था।
कई खुफिया जानकारी पाकिस्तानी एजेंसी को पहुंचाई
इसके साथ ही वह अपने पुराने सैन्य संपर्कों के ज़रिए नई जानकारी एकत्र करता रहा और उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजता रहा। इस मामले में, एसएसओसी ने देवेंद्र ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 152 और 61 (2) के साथ-साथ शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज किया है। ये धाराएं राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों, संवेदनशील जानकारी साझा करने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर अपराधों से संबंधित हैं।
आरोपी से पुलिस कर रही जांच
पंजाब पुलिस की एआईजी एसएसओसी रवजोत कौर ग्रेवाल ने बताया कि आरोपी जवान (Indian Soldier) से पूछताछ जारी है। यह पता लगाया जा रहा है कि उसने अब तक आईएसआई को किस तरह की जानकारी भेजी है। उसके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और वह किन-किन एजेंटों के संपर्क में आया था। इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
गद्दारों की गिरफ्तारी के बाद अब एसएसओसी उसके पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है। ताकि इस जासूसी रैकेट के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचा जा सके और देश की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
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