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भारत का जासूस पाकिस्तानी सेना में बना मेजर, लेकिन नहीं भूला देशभक्ति, कहानी जान नहीं रूकेंगे आंसू

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Indian spy became major in Pakistani army

India: कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते हैं और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने ही देश को नष्ट करने की योजना बनाते हैं. हाल ही में एक मामला सामने आया जहां हरियाणा की एक यूट्यूबर ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

फिर कुछ ऐसे देशभक्त भी हैं जो भारतीय (India) जासूस होते हैं और पाकिस्तानी सेना में मेजर बन जाते हैं. तो चलिए आगे जानते हैं कि कौन हैं ये महान व्यक्ति जिन्हें देश कभी नहीं भूल सकता।

जानें कौन हैं ये महान व्यक्ति

Ravindra Kaushik

ये अजीत डोभाल नहीं बल्कि भारत के एक ऐसे सबसे खतरनाक जासूस का नाम रविंद्र कौशिक है. इन्हें ब्लैक टाइगर के नाम से भी जाना जाता है. तमाम देशों की तरह भारत भी दुनिया के कोने-कोने में अपनी खुफिया एजेंसी रॉ के जासूस रखता है. भगवान जाने भारत (India) में ISI के कितने स्लीपर सेल घूम रहे हैं.

कोई नहीं जानता कि वे कब, कहाँ और किस हालत में हैं. इन जासूसों को पूरी ट्रेनिंग देकर भेजा जाता है. उन्हें अपने घरवालों को भी नहीं बताना होता. रविन्द्र कौशिक एक ऐसे जासूस थे जिनकी वजह से भारत में लाखों सैनिकों की जान बच पाई थी. उन्हें रॉ द्वारा कई टास्क दिए गए थे, जिन्हें वह पूरा करते थे.

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ऐसे बने जासूस

राजस्थान के रविन्द्र कौशिक की तुलना बॉलीवुड स्टार विनोद खन्ना से की जाती थी. एक बार लखनऊ में राष्ट्रीय स्तर की नाटकीय बैठक के दौरान वे रॉ के संपर्क में आए थे. फिर अधिकारियों ने उसे बुलाया और रॉ के बारे में बताया और उसे दो साल की ट्रेनिंग दी गई. उसे मुस्लिम रीति-रिवाज, उर्दू और अरबी बोलना सिखाया गया.

इसके अलावा, वह पंजाबी बोलना भी जानता था, क्योंकि उसका घर राजस्थान और पंजाब की सीमा के पास था. वह बहुत अच्छा अभिनय करता था, इसलिए उसे लंबे समय के लिए भेजने का फैसला किया गया.

कैसे बने पाकिस्तान में मेजर

रवींद्र कौशिक 1978 में पाकिस्तान के कराची पहुंचे. वहां उन्होंने अखबार में सेना में भर्ती का विज्ञापन देखा और सेना में भर्ती होने के लिए वहां पहुंच गए. पाकिस्तान ने उन्हें इतना काबिल समझा कि वे वहां मेजर के पद तक पहुंच गए. 1979 से 1983 तक वे पाकिस्तान में काम करते रहे.

वहां उन्हें एक मुस्लिम लड़की से प्यार हो गया और उन्होंने उससे शादी कर ली. उनका एक बेटा भी हुआ, लेकिन वे भारत को बड़ी-बड़ी जानकारियां देते रहे. बाद में वह अपने परिवार से आखिरी बार 1981 मिले. इसके दो साल बाद ही वह पकड़े गए.

इस वजह से दुनिया को कहा अलविदा

जब पाकिस्तान ने रविन्द्र कौशिक को पकड़ा तो उनके 18 साल नर्क बन गए. रविन्द्र कौशिक को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया। लेकिन उन्होंने मुंह नहीं खोला। लेकिन रॉ और भारत सरकार ने उन्हें मान्यता देने से इनकार कर दिया था. परिवार ने भारत (India) सरकार से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. ऐसा नहीं है कि जासूसों को रिहा नहीं किया जा सकता था. जासूसों की अदला-बदली भी की जा सकती थी. लेकिन उस समय सरकार ने कोई मदद नहीं की.

रविन्द्र कौशिक को पाकिस्तान की कई जेलों में भेजा गया, बाद में वे हृदय रोग और टीबी से पीड़ित हो गए। 2001 में उन्होंने पाकिस्तान में ही अंतिम सांस ली. मरने के बाद भी उन्हें अपने देश में जमीन नहीं मिली।

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