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आईएस Kriti Raj बनी घूंघट वाली बहू, अस्पताल में जानकर किया ऐसा कारनामा, मरीजों ने जमकर बजाई तालियां 

Is Kriti Raj Did Such A Thing In The Hospital While Wearing A Veil, The Patients Applauded Her A Lot
IS Kriti Raj did such a thing in the hospital while wearing a veil, the patients applauded her a lot

IAS Kriti Raj : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में तैनात एसडीएम कृति राज (IAS Kriti Raj) कि चर्चा बड़े स्तर पर हो रही है. लोगों की शिकायतों पर तेजी से काम करने वाली अधिकारी कृति ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई हैं. 2021 बैच कि ऑफिसर कृति को उनके असाधारण अंदाज के कारण सोशल मीडिया पर पहचान मिली है. यूपीएससी 2020 में सफलता दर्ज करने वाली कृति अपने अंदाज के लिए भी नामित की जा रही हैं. उन्होंने यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान अपने अनोखे अंदाज से बोर्ड को भी हंसाने पर मजबूर कर दिया था.

IAS Kriti Raj ने अपने अनोखे ढंग से बनाई पहचान

ज्ञात हो कि आईएएस ऑफिसर कृति राज (IAS Kriti Raj) ने यूपीएससी परीक्षा में 106वीं रैंक हासिल की थी. कृति राज के मुताबिक उन्होंने साल 2019 से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी. वह तैयारी के समय हर रोज 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थी. बता दें कि कृति ने उस वक्त यूपीएससी परीक्षा दी थी जब देश को कोरोना वायरस ने अपनी जद में ले लिया था. कृति कृति राज अपने अंदाज के लिए जानी जाती हैं. सोशल मीडिया पर उनका अनोखा अंदाज़ हमेशा लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. उनके कार्य करने का तरीका भी विशेष है. साथ ही रहन-सहन और व्यक्तित्व भी सबसे अलग हैं.

कोरोना के समय में कृति ने पास की थी UPSC परीक्षा

सोशल मीडिया पर उनके अच्छे-अच्छे लोग उनके फैन हैं. सोशल मीडिया पर उनकी अनोखे अंदाज वाली तस्वीरें काफी पसंद की जाती हैं. अब वे बेहतर अपने अंदाज के कारण सुझाव चर्चा में हैं. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के पास भी वे सक्सेस टिप्स देती हैं. झाँसी से निकल कर बेहतरीन प्रदर्शन पर परिवार के लोग भी बेटी पर गर्व करते हैं. कृति (IAS Kriti Raj) को उनके सर्वोत्तम रैंक के कारण पुनर्मूल्यांकन के रूप में चुना गया. उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला. कृति राज को नौकरी नहीं करनी थी.

सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहती हैं कृति

उनका (IAS Kriti Raj) कहना है कि, ‘मैं हमेशा ग्राउंड लेवल पर काम करना चाहती थी. कुछ अलग-अलग इच्छाएं थी. मैंने कल्पवृक्ष ज्वालामुखी फाउंडेशन के नाम से एक प्लांट की शुरुआत की. हमने जमीनी पैनल पर काम करना शुरू कर दिया है. हाल ही में वह एक किस्से को लेकर चर्चा में आ गई थी. बता दें कि उत्तर प्रदेश के चंपारण में एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने के लिए मरीज का रूप लिया था. अधिकारी ने अपना चेहरा दुपट्टे से लिया और केंद्र में मौजूद लोगों से बातचीत की.

चिकित्सालय में औचक निरिक्षण कर दूर की परेशानी

सेंटर में बदमाशों को लेकर कई बार इंटरव्यू मीटिंग के बाद उन्होंने ऐसा करने का फैसला किया. घुंघट ओढ़कर वह कतार में खड़ी हुई डॉक्टर से बातचीत की और सुविधा का निरीक्षण किया. लेकिन उसे कई खामियां मिलीं. उनके निष्कर्षों में स्टॉक में एक्सपायर होस्टल और साफ-सफाई और रोगी देखभाल की प्रतिपूर्ति शामिल थी. बता दें कि मरीजों कि शिकायतें सामने आ रही थीं.

घूंघट में जाकर अस्पताल में दूर की थी शिकायत

इसी क्रम में नामांकित सदर एसडीएम कृति राज (IAS Kriti Raj) के पास शिकायत आई कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं. इसकी जांच करने के लिए जब उसने टिप दी तो उसने गाड़ी से उतरते ही दुपट्टे से घुंघट कर लिया. अधिकारी (IAS Kriti Raj) ने साधारण मरीज़ की तरह का फ़ासिलमेंट और व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त किया.

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