Israel-Iran War: इजराइल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। यह हमला पिछले दो दिनों से जारी है, जिसके चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई. विशेषज्ञों के अनुसार इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के कारण शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत में 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई है. तो चलिए आगे जानते हैं कि इजरायल-ईरान युद्ध (Israel-Iran War) का भारत पर क्या सीधा असर पड़ेगा और क्या-क्या महंगा पड़ेगा?
क्यों बढ़ सकती हैं तेल की कीमत?
Iran is calling it a “declaration of war” after Israel launched large-scale airstrikes targeting nuclear facilities. Alberto Fernandez, EWTN News Contributor, shares how far Israel may be willing to go—and how close Iran may have been to developing a nuclear weapon. pic.twitter.com/ZfMudUW9vM
— EWTN News Nightly (@EWTNNewsNightly) June 13, 2025
इजराइल ने 12 जून की सुबह ईरान के 4 परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए.इजरायल-ईरान युद्ध (Israel-Iran War) के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है. ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है और ईरान की भौगोलिक स्थिति भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी रास्ते से सऊदी अरब, कुवैत, इराक जैसे देश यूरोप और एशिया को तेल की आपूर्ति करते हैं. अगर ईरान गुस्से में इस रास्ते को बंद कर देता है तो दुनिया की 20 फीसदी तेल आपूर्ति अवरुद्ध हो सकती है।
इतना महंगा हो जाएगा तेल
ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत आसमान छू सकती है और भारत समेत दुनियाभर के देशों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल है, जो इजरायल-ईरान युद्ध (Israel-Iran War) शुरू होने से पहले की कीमत से 10 फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 10 फीसदी बढ़कर 74 डॉलर के पार पहुंच गया है। इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है।
इन चीजों पर भी पड़ेगा असर
प्रवासन: लाखों भारतीय नागरिक ईरान और इजराइल में रह रहे हैं और आजीविका कमा रहे हैं। अगर युद्ध फैलता है, तो उनकी जान और संपत्ति खतरे में पड़ जाएगी। ईंधन: भारत और ईरान के बीच भारी मात्रा में ऊर्जा का आयात होता है, जिसकी कीमत बढ़ने की संभावना है. समुद्री व्यापार: जहाजरानी बाधित हो सकती है क्योंकि बेड़े खतरे से बचने के लिए लंबे मार्ग लेने को तैयार होंगे। एयरलाइंस: हवाई क्षेत्र बंद होने और लंबे मार्गों के कारण उड़ानें बाधित होंगी। अधिक ईंधन की खपत होगी और यात्रा अधिक महंगी होगी।