Masood Azhar: पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक अहम कबूलनामा दिया है. उसने खुलासा किया है कि दिल्ली और मुंबई में हुए आतंकी हमलों के पीछे जैश प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) का हाथ था. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान के बालाकोट और बहावलपुर में जैश के आतंकवादी ठिकाने सक्रिय हैं और वे पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में हैं.
पाकिस्तान की आतंक पर फजीहत
मसूद इलियास कश्मीरी के खुलासे से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. उन्होंने कहा, “बालाकोट जैश की गतिविधियों का केंद्र है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बहावलपुर कैंप में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में शामिल होने के आदेश दिए थे.” मसूद अजहर (Masood Azhar) कश्मीरी के मुताबिक, डीजी आईएसपीआर ने जैश और पाकिस्तानी सेना के बीच संबंधों को छिपाने की साजिश रची थी. उसने मिशन-ए-मुस्तफा के नाम पर आतंकी संगठनों से एकजुट होने की खुली अपील भी की थी.
जैश और पाकिस्तानी सेना के रिश्ते
मसूद इलियास कश्मीरी के मुताबिक, डीजी आईएसपीआर ने जैश और पाकिस्तानी सेना के बीच संबंधों को छिपाने की साजिश रची थी. उसने मिशन-ए-मुस्तफा के नाम पर आतंकी संगठनों से एकजुट होने की खुली अपील भी की थी. कश्मीरी ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवादी संगठनों में डर का माहौल है. मसूद अजहर (Masood Azhar) ने कहा, “कुछ लोग जिहाद से विमुख हो गए हैं, लेकिन हम इसे पुनर्जीवित करेंगे.”
दहशत में आतंकी नेटवर्क
कश्मीरी ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवादी संगठनों में डर का माहौल है. उन्होंने कहा, “कुछ लोग जिहाद से विमुख हो गए हैं, लेकिन हम इसे पुनर्जीवित करेंगे. कश्मीरी ने “अल-जिहाद” के समर्थन में नारे लगाने का नेतृत्व किया. उन्होंने मंच से भीड़ से हाथ उठाकर इतनी ज़ोर से नारे लगाने का आग्रह किया कि उनकी आवाज़ इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू तक पहुँच सके.
मसूद इलियास कश्मीरी ने पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों को उजागर किया. उन्होंने पूरी दुनिया के सामने उसकी असली पहचान उजागर की. उन्होंने कहा, “अगर दुनिया में युद्ध का सबसे बड़ा कारण कोई है, तो वह मसूद अज़हर है.”
जैश और पाकिस्तान सेना के संबंध
जैश कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने जैश और पाकिस्तान सेना और नागरिक नेतृत्व में मिलीभगत का खुलासा किया. कहा, 7 मई को जैश के मरकज सुभानअल्लाह पर भारतीय हमले के बाद मसूद अजहर के रिश्तेदारों को मार दिया गया. इसके बाद तत्कालीन सेना प्रमुख (अब फाइल्ड मार्शल) असीम मुनीर ने सैन्य कमांडरों को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने को कहा.
यह स्वीकारोक्ति भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस्तेमाल करने के लिए सबूत मुहैया कराएगी. FATF और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन पाकिस्तान को जवाबदेह ठहरा सकते हैं. इससे भारत को कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को अलग-थलग करने का बल मिलेगा।