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IIT से ग्रेजुएट, 21 की उम्र में बना IAS – फिर भी नौकरी छोड़ दी और पैशन को बना लिया प्रोफेशन

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Kashish Mittal : 12वीं के बाद हर युवा अपने करियर को नई उड़ान देने के लिए कड़ी मेहनत करता है। भारत में लाखों छात्रों का सपना IIT JEE और UPSC जैसी परीक्षाएं पास करना होता है। इस कठिन परीक्षा को पास करने वालों को समाज में एक खास मुकाम भी मिलता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो समाज से हटकर सोचते है।

इन्हीं में से एक नाम है कशिश मित्तल (Kashish Mittal) का, जिन्होंने ना सिर्फ़ IAS जैसी प्रतिष्ठित नौकरी पाई, बल्कि उसे अलविदा कहकर अपने दिल की सुनी और शास्त्रीय संगीत को अपना जीवन बना लिया।

कशिश आईएएस नौकरी छोड़ बने संगीतज्ञ


कशिश मित्तल (Kashish Mittal) जिन्होंने IIT टॉप किया और फिर UPSC क्रैक करके IAS बने थे। हाल ही में, वह अपनी नौकरी छोड़कर एक गाना गाते नज़र आए और उनका एक गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं उन्होंने ऐसा क्यों किया और उनकी सफलता की कहानी।

आईआईटी से पढ़कर 21 साल में बने आईएएस

कशिश (Kashish Mittal) ने अपनी पढ़ाई देश के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज आईआईटी दिल्ली से की थी। उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया। IIT से पास होने के बाद उनका रुझान सिविल सेवा की ओर हुआ और उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

वर्ष 2011 में मात्र 21 वर्ष की आयु में कशिश मित्तल ने यूपीएससी में 58वीं रैंक हासिल की। उन्हें एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिज़ोरम, केंद्र शासित प्रदेश) मिला और वे आईएएस अधिकारी बने।

मां से प्रेरणा लेकर सीखा संगीत का ज्ञान

कशिश मित्तल (Kashish Mittal) के पिता जगदीश कुमार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कार्यरत थे। उनके माता-पिता शास्त्रीय संगीत सुनने के शौकीन थे। अपनी माँ से प्रेरित होकर, उन्होंने संगीत सुनना शुरू किया।

कशिश संगीत के बारे में कहते हैं, “मैंने आईएएस के बारे में सोचने से पहले ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था।” स्कूल और आईआईटी के वर्षों के दौरान भी संगीत उनका सच्चा साथी बना रहा। उन्होंने आगरा घराने के पंडित यशपाल से शाश्त्रीय संगीत की विद्या ली थी।

2019 में नौकरी छोड़ संगीत को बनाया अपनी दुनिया

2019 में जब कशिश (Kashish Mittal) का अरुणाचल प्रदेश तबादला हुआ, तो उन्होंने एक फैसला लिया। उन्होंने अपनी आईएएस की नौकरी छोड़ दी। यह सुनकर सभी हैरान रह गए लेकिन कशिश जानता था कि उनके लिए शास्त्रीय संगीत सिर्फ़ एक शौक नहीं बल्कि एक साधना और जीवन है।

इसके बाद कशिश (Kashish Mittal) ने ख़याल गायन को पूरी तरह अपना लिया। आकाशवाणी और दूरदर्शन ने उन्हें ‘ए ग्रेड’ कलाकार माना, और आईसीसीआर ने उन्हें ‘स्थापित कलाकार’ के रूप में मान्यता दी।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...

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