5 Women Officers Of Indian Army : भारत की महिलाएं आज हर क्षेत्र में अव्वल हैं। शिक्षा और खेल के साथ-साथ भारत की सुरक्षा के लिए समर्पित महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
इस खास मौके पर आज हम आपको भारतीय सेना की पांच ऐसी बहादुर महिला अफसरों (5 Women Officers Of Indian Army) के बारे में बताएंगे जो मिसाल रही रहीं। ऐसी ही महिलाओं में भारतीय सेना की 5 महिला अफसर (5 Women Officers Of Indian Army) शामिल हैं।
पुनीता अरोड़ा
भारतीय सेना में महिलाओं (5 Women Officers Of Indian Army) को जगह दिलाने का श्रेय पुनीता अरोड़ा को जाता है। पुनीता अरोड़ा भारतीय नौसेना की पहली लेफ्टिनेंट जनरल थीं। उनका जन्म आजादी से पहले 13 अक्टूबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर प्रांत में हुआ था। साल 2004 में वह भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं। 36 साल तक नौसेना में सेवा देने वाली पुनीता को कुल 15 मेडल मिले।
किरण शेखावत
सेना की प्रख्यात लेफ्टिनेट किरण शेखवत का जन्म राजस्थान के सेफरागुआर में हुआ था। हरियाणा में शादी के बाद लेफ्टिनेंट किरण शेखावत ड्यूटी पर शहीद होने वाली पहली महिला अधिकारी (5 Women Officers Of Indian Army) थी। उन्हें 2010 में भारतीय नौसेना में भर्ती किया गया था। 24 मार्च 2015 की रात को गोवा में डोर्नियर निगरानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में लेफ्टिनेंट किरण शेखावत शहीद हो गई थीं।
पद्मावती बंदोपाध्याय
गुंजन सक्सेना
मशहूर फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को कारगिल गर्ल के नाम से भी जाना जाता है। गुंजन सक्सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों के सामने अपनी ताकत दिखाई थी। वह पहली महिला पायलट थीं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान भारत की ओर से पाकिस्तानी सेना से मुकाबला किया था। गुंजन सक्सेना को शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
दिव्या अजीत कुमार
दिव्या अजीत कुमार स्वॉर्ड ऑफ ऑनर पाने वाली पहली महिला (5 Women Officers Of Indian Army) कैडेट हैं। दिव्या की उम्र महज 21 साल थी, जब यह उपलब्धि उनके नाम दर्ज हुई। सितंबर 2010 में कैप्टन दिव्या अजीत कुमार को सेना की एयर डिफेंस कोर में नियुक्त किया गया था।
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