Mud Eater : हर किसी ने अपने बचपन में मिट्टी या पत्थर खाया (Mud Eater) होगा। यह कहानी हर किसी से सुनने को मिलती है। वहीं अक्सर हर मां को अपने बच्चों के बचपन में मिट्टी खाने और पाचन संबंधी समस्याओं की शिकायत करते सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी किसी अधेड़ उम्र के व्यक्ति को मिट्टी खाते देखा है? ये सुनने में ही बड़ा अजीब है लेकिन सच है। एक व्यक्ति ऐसा है जिसने मिट्टी खाकर लोकप्रियता हासिल की है।
17 सालों से मिट्टी और पत्थर खाकर जिंदा है ये शख्स
जहां हर इंसान अपनी भूख मिटाने के लिए खाना खाता है वहीं हरिद्वार के ब्रह्मपुरी में रहने वाले रामेश्वर इन दिनों अपने कारनामे से सुर्खियां बटोर रहे है। रामेश्वर रेत, मिट्टी (Mud Eater) और पत्थर ऐसे आसानी से निगल जाते हैं मानो रोटी या चावल खा रहे हो।
रामेश्वर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हैं। हैरानी की बात यह है कि पिछले 17 सालों से रेत और पत्थर खाने के बाद भी वह ज़िंदा है।
क्यों खा रहे है रामेश्वर मिट्टी और पत्थर?
Man in Haridwar addicted to eating mud,sand&stones,claims he hd a disease which got cured aftr he started doing this pic.twitter.com/Zk1abXI3On
— ANI (@ANI) May 25, 2016
रामेश्वर ने 17 साल पहले मिट्टी और रेत खाना (Mud Eater) तब शुरू किया जब वह गंभीर रूप से बीमार हो गए। बीमारी की वजह से उनके मुंह से खून आने लगा। डॉक्टरों से सलाह लेने और काफी इलाज कराने के बाद भी रामेश्वर ठीक नहीं हुए। ऐसे में डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए। इस हालत में, रामेश्वर ने रेत और मिट्टी खाना (Mud Eater) शुरू कर दिया।
हर रोज खा जाते है आधा किलो मिट्टी
रामेश्वर के मुताबिक वह 100 से 150 ग्राम मिट्टी तो आसानी से एक बार में ही खा जाते है। उसके मुताबिक, रेत और मिट्टी खाने से उसका पेट साफ़ रहता है और उसे कोई परेशानी नहीं होती। वह मिट्टी खाने के बाद पानी भी पीता है। रामेश्वर ने कहा कि मुझे बीमारी है, लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं है।
इसके अलावा, रामेश्वर ने अपना इलाज कराने से भी साफ़ इनकार कर दिया। हरिद्वार के ब्रह्मपुरी इलाके में रहने वाले रामेश्वर का दावा है कि वह रोजाना कम से कम 500 ग्राम मिट्टी (Mud Eater) खाते हैं।
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