Vishal Mega Mart : विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) के सिक्योरिटी गार्ड भर्ती के मीम्स और रील्स इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इसे अपना ड्रीम जॉब बता रहे हैं। कुछ लोग तो इसकी तुलना यूपीएससी परीक्षा से भी कर रहे हैं।
आइए अब जानते हैं कि विशाल मेगा मार्ट के सिक्योरिटी गार्ड भर्ती वाली कंपनी को चलाता कौन है? इसके अलावा विशाल मेगा मार्ट की शुरुआत की कहानी भी काफी दिलचस्प है।
Vishal Mega Mart के जनक है रामचंद्र अग्रवाल
विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) जैसे सुपरमार्केट की नींव रामचंद्र अग्रवाल ने रखी थी। बैसाखी के सहारे चलने वाले अग्रवाल का एक पैर बिल्कुल भी काम नहीं करता। कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने 26 साल की उम्र में नौकरी की लेकिन उनका मन नहीं लगा। 1986 में उन्होंने लोन लेकर फोटोकॉपी की दुकान खोली। दुकान नहीं चली और घाटा हुआ। फिर उन्होंने कई कारोबार में हाथ आजमाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
4 साल की उम्र में रामचंद्र को हुआ था पोलियो
विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) के संस्थापक रामचंद्र अग्रवाल 4 साल की उम्र में पोलियो से पीड़ित हो गए थे। उन्होंने 1986 में फोटोकॉपी की दुकान खोलकर अपने कारोबार की शुरुआत की और इसके लिए उन्होंने दूसरों से कर्ज भी लिया।
फोटोकॉपी के कारोबार में काम करने के बाद उन्होंने 15 साल तक कोलकाता में कपड़ों का छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया। अपनी तरक्की से संतुष्ट ना होकर रामचंद्र बड़ी कामयाबी की तलाश में दिल्ली आ गए।
फोटोकॉपी समेत कईं छोटे-बड़े धंधों में आजमाया हाथ
विशाल मेगा मार्ट के संस्थापक रामचंद्र ने करीब 15 साल तक कोलकाता में कपड़ों का कारोबार किया। लेकिन उनका मन हमेशा कुछ बड़ा करने का करता था। इसलिए वह सबकुछ छोड़कर दिल्ली आ गए और यहीं से उन्होंने साल 2001-02 में विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) की शुरुआत की।
उन्होंने एक ऐसा स्टोर बनाया जिसका फोकस देश के मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग पर था। विशाल मेगा मार्ट ने राशन से लेकर कपड़े तक सब कुछ 99 रुपये में बेचकर लोगों के दिलों तक पहुंचना शुरू कर दिया।
शिखर पर भी पहुंचे लेकिन नुकसान भी झेला
रामचंद्र ने 414 शहरों में 645 विशाल स्टोर खोले। 2007 में विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) 2000 करोड़ के वैल्यूएशन के साथ अपना आईपीओ लेकर आई। विशाल मेगा मार्ट शेयर बाजार में लिस्ट हो गई लेकिन यहीं से रामचंद्र अग्रवाल की मुश्किलें भी बढ़ने लगीं। 2008 में कंपनी ने 1100 करोड़ रुपये का कारोबार किया लेकिन घाटा बहुत बढ़ गया।
2008 की मंदी, तेजी से बढ़ने की होड़ और जल्दबाजी में लिए गए गलत फैसलों ने विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) को भारी घाटा पहुंचाया। कंपनी का कर्ज बढ़कर 750 करोड़ हो गया। आखिरकार 2010-11 में रामचंद्र अग्रवाल ने 1100 करोड़ की कंपनी को श्रीराम ग्रुप और टीपीजी कैपिटल को सिर्फ 70 करोड़ में बेच दिया।
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