TATA Group : देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का शनिवार देर रात निधन हो गया था. उन्होंने 86 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. अब टाटा ग्रुप (TATA Group) की विरासत उनकी अगली पीढ़ी आगे बढ़ाएगी. उनका उत्तराधिकारी कौन होगा इस पर नजरें टिकी हुई हैं. जो नमक से लेकर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री तक के बिजनेस वाले ग्रुप के भविष्य के कर्ता-धर्ता के रूप में उभरकर सामने आएगा. ऐसे में 2 बड़े नाम उभरकर सामने आए हैं। चलिए तो इस आर्टिकल के जरिये जानते हैं की कौन होगा टाटा ग्रुप (TATA Group) का वारिस…..
TATA Group को रतन टाटा की मौत से लगा झटका
रसोई में नमक-मसालों से लेकर सड़क पर चलने वाली गाड़ी और आकाश में यात्रा वाली एयरलाइंस तक टाटा समूह मौजूद है. टाटा ग्रुप की ज्वैलरी, घड़ी और फैशन एसेसरीज हैं तो चाय-कॉफी तक भी लोग टाटा ग्रुप (TATA Group) कि ही उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं ग्रुप की आईटी कंपनी के बनाए गए सॉफ्टवेयर भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं.
देश की जीडीपी में टाटा ग्रुप की 2 फीसदी हिस्सेदारी हैं. करीब 403 अरब डॉलर का रेवेन्यू वाले इस ग्रुप के विभिन्न कार्यालयों में 9.35 लाख से अधिक कर्मचारी काम कर रहे है. इसलिए अब सवाल उठ रहा है कि 33.7 ट्रिलियन रुपए के टाटा के साम्राज्य (TATA Group) की कमांड अब किसके हाथों में होगी?
अब कौन होगा TATA Group का उत्तराधिकारी?
हालांकि आपको बता दें कि इस सवाल का जवाब भी रतन टाटा ने खुद सुलझा लिया था. उन्होंने टाटा ग्रुप हेरिटेज को ट्रेंड करना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में ये विरासत पूरे समूह को संभालते हैं. खास बात तो ये है कि इन वारिसों की उम्र 40 साल भी नहीं है. जिनमें से दो लड़कियाँ भी हैं. ये तीन लोग टाटा ग्रुप (TATA Group) के उत्तराधिकारी हो सकते हैं. माया और नेविल टाटा रतन के उत्तराधिकारी होंगे, जो रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा के बच्चे हैं. ये सभी टाटा ग्रुप (TATA Group) में अन्य दिग्गजों की तरह ही कंपनी में अपनी जगह पर काम कर रहे हैं.
ये 2 बनेंगे रतन टाटा की संपत्ति के वारिस
लिआह टाटा भी इसमें शामिल हैं. लिआह जो सबसे बड़ी हैं उन्होंने आईई बिजनेस स्कूल, मैड्रिड से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने 2006 में ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में सहायक बिक्री प्रबंधक के रूप में टाटा ग्रुप (TATA Group) में कदम रखा और अब अलग-अलग स्थानों में प्रगति करते हुए द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में उपाध्यक्ष के रूप में कर्मचारी हैं. माया टाटा, नोएल टाटा की छोटी बेटी हैं, वो अपने करियर की शुरुआत टाटा कैपिटल में एक स्टैंड के रूप में की जबकि उनके भाई नेविल टाटा ने इसकी शुरुआत कर दी हैं.
रतन टाटा ने संभाला सारा कार्यभार
86 साल के रतन टाटा ने अपने पीछे कईं सारी सम्पत्ति छोड़ी हैं. रतन टाटा ने टाटा ग्रुप (TATA Group) को अपनी मेहनत और परिश्रम से इस मुकाम तक पहुंचाया हैं. इसके लिए पूरा देश उनके आगे नतमस्तक हैं. बता दें रतन टाटा का सफर शुरू हुआ जब 1991 में टाटा ग्रुप (TATA Group) के अध्यक्ष पद पर वह काबिज हुए. उनके नेतृत्व में 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना हुई और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी (टीसीएस) स्थापित हुई. हालांकि रतन टाटा ने 2012 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स में मानद चेयरमैन पद को बरकरार रखा.
सरकार से मिल चुका है सम्मान
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को जिस मुकाम पर पहुंचाया है उसके लिए पूरा विश्व उनका मुरीद हैं. उनके काम करने का ढंग और रहन-सहन भी काफी सरल रहा. इतना ही नहीं उनके कर्मचारी भी उनके काम से हमेशा सीख लेते थे. उनके उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण के साथ भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया था. वह भारतीय उद्योग में बेहद अहम स्तम्भ थे.
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