Pritpal Singh: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल जंगल में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन अखल के दौरान पंजाब के लुधियाना जिले का एक जवान शहीद हो गया। शहीद जवान की पहचान लांस नायक प्रितपाल सिंह (Pritpal Singh) (28) के रूप में हुई है, जो भारतीय सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट में तैनात थे। 24 फरवरी 2025 को उनकी शादी हुई थी। परिवार और गांव में खुशियों का माहौल था, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिख रखा था।
ऑपरेशन अखल में शहीद हुए Pritpal Singh
मिली जानकारी के मुताबिक, ‘ऑपरेशन अखल’ 1 अगस्त से लगातार जारी था। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि अखल जंगल में कई आतंकी छिपे हुए हैं। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्त अभियान में मुठभेड़ के दौरान प्रितपाल सिंह (Pritpal Singh) ने पूरी बहादुरी से मोर्चा संभाला।
गोलियों की बौछार के बीच वह अपने साथियों के साथ आतंकियों का डटकर सामना करते रहे। इसी दौरान एक गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
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मां- बाप पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रितपाल सिंह (Pritpal Singh) की शहादत की खबर मिलते ही उनके पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार के इकलौते बेटे की मौत से मां-बाप पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है, जिसने अभी अपने वैवाहिक जीवन शुरुआत ही की थी। गांव के लोग भी अपने जांबाज सपूत के खोने से गहरे सदमे में हैं।
तिरंगे में लिपट का लौटा शहीद
रविवार को प्रितपाल सिंह (Pritpal Singh) का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपट कर उनके पैतृक गांव लाया गया। सैन्य बैंड की गूंज और “शहीद प्रितपाल सिंह अमर रहें” के नारों के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, सेना के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि प्रितपाल सिंह बचपन से ही देश सेवा का सपना देखते थे और उन्होंने अपने साहस व बलिदान से उस सपने को साकार किया। उनकी शहादत न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। हालांकि, यह बलिदान परिवार और गांव के लिए अपूरणीय क्षति है।
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