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शर्मनाक! टीचर ने 7000 रूपये में बेच दी जिम्मेदारी, अनपढ़ चपरासी से करवाई छात्रों की उत्तरपुस्तिका चेक

Mp-News-The Teacher Got The Answer Sheets Checked By An Illiterate Peon For Rs. 7000
mp-news-The teacher got the answer sheets checked by an illiterate peon for Rs. 7000

MP News : पूरे साल की मेहनत को उत्तर पुस्तिका पर लिखकर छात्र अपने भाग्य का फैसला शिक्षकों पर छोड़ देते हैं। विषयवार शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते हैं और छात्रों को उनकी प्रतिभा के अनुसार मार्क्स देते हैं। लेकिन क्या हो अगर शिक्षकों की जगह ये उत्तर पुस्तिकाएं कोई ऐसा व्यक्ति जांचे जिसे उस विषय का कोई ज्ञान ही न हो।

ऐसा ही एक मामला एमपी (MP News) से सामने आया है। जहां पर एक चपरासी ने यूनिवर्सिटी के बच्चों की कॉपियाँ चेक कर ली थी।

चपरासी ने जांची यूनिवर्सिटी के छात्रों की परीक्षा कॉपी

दरअसल ये मामला एमपी (MP News) के भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की बीए हिंदी की कॉपियां जांचने के लिए बाहर भेजी गईं। लेकिन अतिथि व्याख्याता की जगह ये कॉपियां एक चपरासी ने जांची। उसने हर उत्तर पुस्तिका में अपनी मर्जी के हिसाब से अंक दिए और छात्रों की किस्मत पर लाल निशान लगा दिया।

इसका वीडियो जब सोशल मीडिया पर शेयर हुआ तो हंगामा मच गया। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए गए। जिसके बाद प्रभारी प्राचार्य को तत्काल निलंबित कर दिया गया।

आरोपियों पर हुई कार्यवाही

 इसका वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया और उच्च शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया। जांच में खुलासा होने के बाद प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और डॉ. रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया। जबकि चपरासी और एक अतिथि शिक्षक के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।

नर्मदापुरम के पिपरिया कॉलेज का है ममला

मामला एमपी (MP News) के नर्मदापुरम के शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी कॉलेज पिपरिया का है। यहां हिंदी विषय की उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय से मूल्यांकन के लिए कॉलेज भेजी गई थीं। कॉपी जांचने का वीडियो वायरल इसी बीच कॉपी जांचने का एक वीडियो वायरल हुआ। जांच हुई तो पता चला कि कॉलेज का चपरासी पन्नालाल पठारिया कॉपियां जांच रहा था।

मामले (MP News) में जांच दल ने 3 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दी है। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए दो प्रोफेसरों के साथ ही चपरासी पन्नालाल और अतिथि शिक्षिका खुशबू के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।

शिकायत पर आरोपी प्राचार्य पर हुई कार्रवाई

शिकायत पर एमपी (MP News) के उच्च शिक्षा विभाग ने इसकी जांच के लिए कमेटी बनाई थी। जांच में पता चला कि पन्नालाल ने हिंदी अतिथि विद्वान खुशबू पगारे को आवंटित उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया था। खुशबू ने स्वीकार किया कि उसने पुस्तक चोर राकेश मेहर को 7,000 रुपये दिए थे और उसे किसी और से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाने के लिए कहा था।

एमपी (MP News) के इस मामले के आरोपी पन्नालाल ने कहा कि राकेश मेहर ने उसे 5,000 रुपये दिए थे और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने का काम सौंपा था।

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