Posted inन्यूज़

महिला सरपंच ने सिर्फ 500 रूपये में ठेके पर दे दिया अपना पद, गवाह बना गांव….कॉन्ट्रैक्ट भी हुआ साइन

Mp-News-The Woman Sarpanch Gave Her Post On Contract For Just 500 Rupees
mp-news-The woman Sarpanch gave her post on contract for just 500 rupees

MP News : क्या कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से अपनी नौकरी किसी और को सौंप सकता है? क्या कोई पद पर बैठा व्यक्ति अपना पद किसी और को सौंप सकता है? इसका जवाब होगा नहीं। ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि किसी भी व्यक्ति का चयन उसकी योग्यता, क्षमता और कौशल के आधार पर होता है।

जब सामान्य नौकरी में भी ऐसा संभव नहीं है, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना गया सरपंच किस अधिकार से अपनी सारी जिम्मेदारियां किसी और को सौंप सकता है? ऐसा मध्यप्रदेश (MP News) में हुआ है।

मध्यप्रदेश में एक सरपंच ने गिरवी रखा अपना पद

जी हाँ, मध्यप्रदेश (MP News) के नीमच से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। नीमच के एक गांव के सरपंच ने अपने पद को एक अन्य व्यक्ति को सौंप दिए हैं। इस अनुबंध में उन्होंने सुरेश को अपना प्रतिनिधि घोषित किया है और कहा है कि वह जहां कहेंगे वहीं हस्ताक्षर करेंगी।

अब सवाल यह उठता है कि चुनावी प्रक्रिया से चुना गया प्रतिनिधि अपना पद किसी और को कैसे सौंप सकता है। क्या यह लोकतंत्र के साथ खुला खिलवाड़ नहीं है?

500 रुपए के स्टाम्प पेपर दिया इस्तीफा

इस अनुबंध में लिखा है कि मध्यप्रदेश (MP News) की सरपंच उनका काम पूरा नहीं कर पा रही हैं। इसलिए वह ठेकेदार को सरपंच के अधिकार दे रही हैं। संभवत: देश में यह पहला मामला है जब सरपंच का पद संपत्ति की तरह ट्रांसफर हुआ हो। देश में इस तरह के अनुबंध का यह पहला मामला माना जा रहा है।

जिला पंचायत सीईओ अमन वैष्णव ने बताया कि जानकारी मिली थी कि दांता पंचायत की सरपंच ने 500 रुपए के स्टांप पर अपने अधिकार सुरेश नामक व्यक्ति को सौंप दिए हैं। इसके बाद उन्हें पद से हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

फर्जी हस्ताक्षर कर की ये धांधली

इस संबंध में एमपी (MP News) के सचिव से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। उन्हें शनिवार को तलब किया गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच में उप रजिस्ट्रार रामपुरा से अनुबंध के रजिस्ट्रेशन के संबंध में जानकारी मांगी गई। 10 फरवरी को उप रजिस्ट्रार ने बताया कि यह अनुबंध उनके कार्यालय में रजिस्टर्ड नहीं है।

अनुबंध में गवाह रहे सदाराम और मन्नालाल को भी बयान के लिए बुलाया गया। दोनों ने कहा कि उन्हें अनुबंध के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अनुबंध पर उनके हस्ताक्षर भी फर्जी हैं। स्टाम्प विक्रेता से जानकारी ली गई। स्टाम्प क्रय रसीद में एमपी (MP News) के इस गांव के सरपंच कैलाश बाई का नाम दर्ज था। इससे पुष्टि हुई कि अनुबंध में प्रयुक्त स्टाम्प उन्होंने ही खरीदा है।

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान की वजह से BCCI ने लिया बड़ा फैसला, एशिया कप 2025 में नहीं खेलेगी टीम इंडिया

Exit mobile version