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National Space Day 2025: जानें कब, क्यों और कैसे ISRO बना ग्लोबल इंस्पिरेशन

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National Space Day 2025: Know when, why and how ISRO became a global inspiration

ISRO: आज पूरे देश में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है. कई संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. यह दूसरी बार है जब देश इस दिवस को मना रहा है, इससे पहले पहली बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 में मनाया गया था. यह दिन इसरो की सफलता का स्मरण कराता है और वैज्ञानिक विकास में राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाता है.

यह भारत के अंतरिक्ष शक्ति (ISRO) बनने के संकल्प का भी प्रतीक है. एक छात्र होने के नाते, आपको इस दिन के महत्व और इतिहास से अवश्य परिचित होना चाहिए.

यह दिन क्यों मनाया जाता है?

भारत ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराई. जो भारत के लिए एक गौरवपूर्ण यात्रा थी, जिसके बाद भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई. इस यात्रा के सम्मान में, 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला पहला देश है. यह अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के प्रति भारत के समर्पण को भी दर्शाता है.

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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम

National Space Day 2025

पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त 2024 को मनाया गया. इस दिवस की थीम थी “चाँद को छूना और जीवन को छूना: भारत की कहानी.” यह थीम अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के मानवीय जीवन को रेखांकित करती है. इस बार दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस नई दिल्ली स्थित इंडिया पैवेलियन में मनाया जाएगा और उत्तर प्रदेश समेत पूरे राज्य के स्कूलों में भी मनाया जाएगा. इसका विषय है ‘आर्यभट्ट से गगनयान तक: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाएँ’.

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का उद्देश्य चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का सम्मान करने के साथ-साथ युवा पीढ़ी में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के प्रति उत्साह को प्रेरित करना, भारत की अंतरिक्ष शक्तियों को उजागर करना और बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान से जोड़ना है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की नींव डॉ. विक्रम साराभाई ने रखी थी.

उनका सपना था कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों तक ही सीमित न रहे, बल्कि इसका सीधा उपयोग राष्ट्र निर्माण और सामाजिक विकास में हो. आज इसरो को अपने लागत प्रभावी और अभिनव मिशनों के कारण दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों में गिना जाता है।

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