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‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कि राह हुई आसान, मोदी कैबिनेट के बाद संसद से भी जल्द मिलेगी मंजूरी, 2029 तक हर हाल में होगा लागू

'वन नेशन वन इलेक्शन' कि राह हुई आसान, मोदी कैबिनेट के बाद संसद से भी जल्द मिलेगी मंजूरी, 2029 तक हर हाल में होगा लागू

One Nation One Election : मोदी कैबिनेट ने बुधवार को एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब देश की 543 सीटों और सभी सहयोगियों की कुल 4130 विधानसभाओं पर एक साथ चुनाव की राह खोली गई. एक देश में एक चुनाव के बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने रिपोर्ट पेश कि थी जिसके बाद मोदी कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है. इससे एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि देश में वन नेशन वन इलेक्शन हर हाल में 2029 से पहले लागू होगा.

वन नेशन वन इलेक्शन को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी

इसके एक दिन बाद ही एक देश, एक चुनाव (One Nation One Election) का प्रस्ताव आया है, जिसके तहत मोदी सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है. आने वाले चुनाव को लेकर एक बात सामने आई है. इसमें बीजेपी के मेनिफेस्टो के कुछ जरूरी लक्ष्य भी शामिल हैं. चुनाव को एक प्रस्ताव के साथ रखने का कारण यह है कि चुनाव में होने वाले खर्च में कमी हो सकती है. चुनाव से पहले ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ लागू होने से लेकर प्रोजेक्ट और पॉलिसी में देरी हो रही है. 2 सितंबर 2023 को एक समिति का गठन किया गया ताकि यह सक्रिय रूप से काम कर सके.

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद कि अध्यक्षता में बनाई गई रिपोर्ट

देश में 1951 से लेकर 1967 के बीच एक साथ ही चुनाव हुए थे और लोग केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के लिए एक बार ही वोट देते (One Nation One Election) थे. बाद में देश के कुछ पुराने कानूनों की वापसी के साथ-साथ बहुत से नए राज्यों की स्थापना भी हुई. 1968-69 में इस सिस्टम को बंद कर दिया गया था. कुछ समय से इस पर पुनः विचार शुरू हुआ था. इसके आगे यह दावा किया गया है कि पूरे 100 दिनों के भीतर लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव भी शामिल होंगे.

100 दिन में लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव होंगे सम्पन्न

समिति के रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पूरे देश में एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए. सभी के लिए एक वोटर कार्ड होना चाहिए.’ केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल (One Nation One Election) को शीतकालीन सत्र में संसद से पास कराएगी. जिसके बाद यह कानून बन जाएगा. पूर्व राष्ट्रपति की अगुआई वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश की 62 राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया था. जिसमें से उन्हें 32 पार्टियों का समर्थन मिला था. इसमें 15 पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन नहीं किया तो वहीं 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया.

62 में से 32 पार्टियों का मिला समर्थन

रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग सरकार के तीन हिस्सों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और नगर पालिकाओं और निकायों जैसे स्थानीय के लिए 2029 से एक साथ चुनाव और त्रिशंकु सदनों जैसे मामलों में एकता सरकार (One Nation One Election) का प्रस्ताव बना सकती है. बीजेपी के कई दिग्गज नेता वन नेशन वन इलेक्शन के समर्थन में हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अपने स्थाई कार्यकाल में ही वन नेशन वन इलेक्शन लागू करने जा रही है.

2029 से पहले हर हाल में लागू हो जाएगा बिल

अमित शाह ने बताया था कि हमारी योजना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही एक राष्ट्र, एक चुनाव (One Nation One Election) की व्यवस्था लागू करने की है.’ इसके अध्यक्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नियुक्त किया गया. बाद में उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसे मंजूरी दी और एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) का समर्थन किया.

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