Pandit Pradeep Mishra : मध्य प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय कथावाचक सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) शिवमहापुराण की कथा करते है। इसके अलावा सामाजिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलते हैं। वह कई बार अन्य समुदाय के बारे में भी वह तीखे बयान देते नजर आते है। ऐसे में अब उन्होंने ऐसे बयान दिया है जो काफी विवाद का कारण बना है।
Pandit Pradeep Mishra ने दिया विवादित बयान
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की कथा चल रही है। जहां उन्होंने लड़कियों को लेकर विवादित बयान दे दिया है। क्योंकि आज के समय में कपड़ों की वजह से अपराध बढ़ रहे हैं।
प्रदीप मिश्रा का कहना है कि अगर तुलसी के पौधे की जड़ दिखाई दे तो पौधा मर जाता है तो उसे ढक कर रखना चाहिए। वहीं महिलाएं जितनी ढकी रहेगी उतनी ही सुरक्षित रहेंगी।
महिलाओं के कपड़ों को लेकर दिया बयान
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने यह बयान कथा के दूसरे दिन शनिवार को दिया। उन्होंने राजस्थान की बेटियों से अपने पहनावे का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर तुलसी के पौधे की जड़ दिखाई देने लगे तो पौधा एक दिन में मर जाता है।
इसी तरह बेटियों को कपड़े पहनते समय ध्यान रखना चाहिए कि पेट की नाभि ढकी होनी चाहिए। अगर नाभि ढकी होगी तो सुरक्षा बनी रहेगी। शालीन कपड़े पहनने से अपराध का शिकार होने से काफी हद तक बचा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर मिली कई प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की इस सलाह पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि इस आदमी की कितनी घिनौनी सोच है।
दूसरे यूजर ने लिखा, ‘क्या अजीब तर्क दे रहे हो। थोड़ा ज्ञान पुरुषों को भी दो।’ वहीं कुछ यूजर्स भी कथावाचक की बात से सहमति जता रहे हैं। इस पर एक शख्स ने लिखा, ‘कुछ लोग इसका विरोध करेंगे, लेकिन ये बिल्कुल सच है।’
बढ़ते मोबाइल फोन के प्रयोग पर उठाए सवाल
महिलाओं के कपड़ों के अलावा प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने बच्चों द्वारा मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे मोबाइल फोन और सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहते हैं। अब 4 की जगह 2 ही अवस्थाएं बची हैं।
बचपन और बुढ़ापा क्योंकि मोबाइल ने बच्चों को समय से पहले परिपक्व बना दिया है। बच्चे अब जवान होने के साथ-साथ बुढ़ापे में भी प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है।
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