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8 साल की उम्र में गंवाया पैर, फिर भी हौसलें नहीं हुए पस्त, अब पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचेंगे भरतपुर के रुद्रांश 

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Rudransh Khandelwal : पेरिस में पैरालंपिक का आयोजन कल से होने वाला हैं. इसमें भारतीय खिलाड़ी भी अपना जलवा दिखाने वाले हैं. ऐसे में भारतीय पैरालंपिक निशानेबाज रुद्रांश खंडेलवाल (Rudransh Khandelwal) भी इस प्रतियोगिता में अपना दमखम दिखाने वाले हैं. पेरिस पैरालंपिक में निशानेबाजी के दौरान गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य रखते हैं और उनके जीवन का मंत्र है किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहें और अपनी क्षमता पर भरोसा रखें. रुद्रांश जब केवल आठ साल के थे तब एक दुर्घटना में अपना बायां पैर खो बैठे थे.

पेरिस पैरालंपिक में Rudransh Khandelwa के हौसले बुलंद

दरअसल राजस्थान के भरतपुर केनिवासी रुद्रांश खंडेलवाल (Rudransh Khandelwal) 24 जनवरी 2015 को एक विवाह समारोह में गए थे. इसी दौरान बड़े पैमाने पर एक हादसा हुआ था. जिसमें उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया था. उनके बाद रुद्रांश की मां अविश्वासा खंडेलवाल और पिता आशुतोष खंडेलवाल ने बेहतरीन पालन किया, अपनी देख-रेख में उन्हें शूटिंग का अच्छा प्रशिक्षण दिलाया.

जिससे रुद्रांश की जिंदगी को एक नई दिशा मिल गई थी. चाहे कितना भी बुरी परिस्थिति आई लेकिन इस किशोर रुद्रांश (Rudransh Khandelwal) ने कभी भी हार नहीं मानी थी. शानदार प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर के पिस्टल (एसएच1) में नंबर एक स्थान पर पहुंच गया.

पहले ही मुकाबले में गोल्ड पर निशाना साधेंगे रुद्रांश

अब रुद्रांश (Rudransh Khandelwal) का लक्ष्य अपनी पहली पैरालंपिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतना है. टोक्यो ओलिंपिक के दौरान मनु भाकर की गलतियों से सबक लेने के बाद रुद्रांश खंडेलवाल (Rudransh Khandelwal) ने कड़ी तैयारी की है. जिससे वह अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रतियोगिता के लिए शानदार तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘टूर्नामेंट के दौरान नोटबुक्स की गतिविधियों के बाद आप बहुत जल्दी दूसरे अतिरिक्त दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं. मैं टूर्नामेंट में हर स्थिति के लिए खुद को तैयार करता हूं. अगर कोई विपरीत स्थिति नहीं है तो भी मैं इसके लिए तैयार हूं.’

महज 8 साल की उम्र में गंवा चुके हैं अपना पांव

रुद्रांश खंडेलवाल (Rudransh Khandelwal) पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के इरादे से उतर रहे हैं. यह पैरालंपिक रुद्राक्ष का पहला पैरालंपिक है. 8 साल की उम्र में हादसे में एक पैर गंवाने वाले रुद्रांश कहते हैं कि उनके जीवन का मंत्र है किसी भी परिस्थिति में तैयारी और अपनी क्षमता पर भरोसा बनाए रखना. वे निशानेबाज्जी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर (एसएच1) में नंबर एक स्थान पर पहुंच गए हैं. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. जिसमें उसके कृत्रिम पैर के लिए एक अतिरिक्त सहायता के साथ एक ‘टूल-किट’ भी शामिल है ताकि अगर यह टूट जाए तो इससे मदद मिल सके.

हौंसलों की उड़ान में गोल्डन पंख लगाने वाले हैं रुद्रांश

रविवार से पैरालंपिक में रुद्रांश (Rudransh Khandelwal) से मेडल की उम्मीद शुरू हो रही है. मार्च 2024 में नई दिल्ली में आयोजित हुई पैराशूटिंग विश्व कप में रुद्रांश खंडेलवाल ने रजत पदक जीता था. साथ ही 50 मीटर मिश्रित में रजत पदक जीता. वहीं अक्टूबर 2023 में विश्व शूटिंग पर भारत विश्व कप में दो स्वर्ण पदक जीते. इसी इवेंट में रुद्रांश (Rudransh Khandelwal) ने पी 4 मिश्रित 50 मीटर एएसएच 1 श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए रैंकिंग में नंबर 1 स्थान हासिल किया था. वहीं इसी साल रुद्रांश खंडेलवाल ने पैरालंपिक कोटा के साथ रजत पदक पक्का किया था.

कई प्रतियोगिताओं में दिखा चुके हैं अपना जलवा

रुद्रांश (Rudransh Khandelwal) ने राहुल जाखड़ और आकाश के साथ मिलकर टीम वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था. नरवाल ने भी 10 मीटर एयरपिस्टल स्पोट्र्स में शीर्ष स्थान हासिल किया जबकि उनके संतोष गांधे और आकाश की टिकड़ी ने टीम स्पोट्र्स का रजत पदक जीता. भारतीय खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालम्पिक-2020 में अद्भुत खेल प्रदर्शित किया था. उन खेलों में भारत ने कुल पांच पदक अपने नाम किए थे जिनमें दो स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक थे. इस बार भी भारतीय खिलाड़ियों ससे उम्मीद लगी हुई है.

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