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कोविशील्ड के बाद अब ये वैक्सीन लगवाने वालों की जान पर बना खतरा, 30% लोगों को हो रही है जानलेवा बीमारियां

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Covaxin – कुछ ही दिनों पहले आपने कोरोना से बचने के लिए लगाई गई कोवीशील्ड वैक्सीन को लेकर कई खबरें सुनी होंगी। इन खबरों के मुताबिक कोवीशील्ड लगाने वाले लोगों में कुछ साइ़ड इफेक्ट देखने को मिल रहे थे। लेकिन अब कुछ ऐसी ही खबरें कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर भी सामने आने लगी हैं। इन खबरों की वजह से लोगों के मन में अब कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर भी संदेह पैदा हो गया है। हर कोई यह जानना चाहता है कि, क्या वाकई कोवैक्सीन (Covaxin) लगवाकर उन्होंने बड़ी गलती करदी है ?

सवालों के घेरे में आई Covaxin

भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर हाल ही में एक रिर्सच हुई है, और रिर्सच में कुछ तथ्य ऐसे सामने निकलकर आए हैं जिन्होंने सबके होश उड़ा दिए हैं। दरअसल ये रिसर्च बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने की है। रिसर्च के बाद एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के अनुसार  कोवैक्सीन (Covaxin) लगवाने वाले करीब एक तिहाई लोगों में अलग-अलग प्रकार के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं।  इस स्टडी में कुल 926 लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें 635 किशोर और 291 युवा थे। टीका लगने के बाद से लगातार एक साल तक इन सभी लोगों से फॉलोअप लिया जा रहा था एवं लगातार इनका चेकअप किया जा रहा था। शोधकर्ताओं की  लगातार इस मेहनत के बाद जो नतीजे सामने आए वो सचमुच चौंकाने वाले हैं।

बीएचयू के शोधकर्ताओं ने खोली Covaxin की पोल

बीएचयू की इस स्टडी से सामने आए आंकड़ों के अनुसार शोध के लिए संर्पक में रखे गए 926 लोगों में से  48 फीसदी किशोरों और 42.6 युवाओं में ऊपरी सांस की नली में वायरल संक्रमण देखा गया। इसके साथ ही 4.7 फीसदी लोगों में नसों से जुडी दिक्कतें भी देखी गई।  यह भी देखा गया है की इस टीके की वजह से ही 5.8 फीसदी युवाओं में नसों और जोड़ों में दर्द की समस्या उत्पन्न हुई है। इतना ही नहीं इस वैक्सीन के कारण करीब 4.6 फीसदी महिलाओं में महावारी से जुड़ी परेशानियां भी पाई गईं एवं. 2.7 प्रतिशत महिलाओं में आंखों से जुड़ी दिक्कतें देखी गईं हैं। इसके अलावा कई लोगों में ब्लड क्लॉटिंग और एलर्जी के लक्षण भी मिलें हैं।

Covaxin लगवा कर कर दी गलती

बीएचयू की इस स्टडी के सामने आने के बाद कोवैक्सीन (Covaxin) लगवाने वाले लोगों के बीच ड़र बढ़ गया है। एक और जहां बीएचयू के शोधकर्ता दावा कर रहे हैं कि इस वैक्सीन को लगवाने वाले लोगों में से 30 फीसदी लोगों में गंभीर बिमारियां देखी गई हैं वहीं दूसरी और भारत बायोटेक कंपनी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस सोध पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत बायोटेक कंपनी ने कहा है कि कोवैक्सीन पर पहले भी कई स्टडी और रिसर्च जिनमें कोवैक्सीन के एकदम सुरक्षित होने का प्रमाण मिला है. कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन का सेफ्टी ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है।

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