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छत्तीसगढ़ के इस जंगल में रहता दुर्लभ प्रजाति के नाग नागिन का जोड़ा, इंसानों के जाने पर लगा है बैन, आधी राती में होता है……

Rare Species Of Snakes Live In Chhattisgarh'S Nagfani Mandir, Cattle Grazing Is Banned
Rare species of snakes live in Chhattisgarh's Nagfani mandir, cattle grazing is banned

Nagfani mandi: छत्तीसगढ़ में स्थित बस्तर एक ऐसी जगह है जहां पर पहले के समय में कई राजाओं ने राज किया है। यहां के इतिहास को टटोलें तो  11वीं से लेकर 13 वीं शताब्दी के बीच यहां कई नागवंशी राजाओं ने राज किया था और इनका चिन्ह भी सांप ही था। उस काल खंड में राजाओं ने यहां पर कई सारे मंदिर बनवाए थे। आज भले ही वो मंदिर नही रहे लेकिन उस काल की मूर्तियां बस्तर के नागफनी गांव (Nagfani mandi) में आज भी मौजूद हैं। इसके साथ ही मान्यता तो ये भी है कि इसी गांव से सटे जंगल में आज भी सांपों की ऐसी दुलर्भ प्रजातियां पाई जाती है जो शायद ही दुनिया में और कहीं पर मौजूद हो।

इस मंदिर के अंदर हैं हजारों साल पुरानी मूर्तियां

Nagfani Mandir

बस्तर में एक गांव है जिसका नाम है नागफनी। इसी गांव में एक मंदिर है जिसे 11 वीं सदी के आसपास बनाया गया था गांव का नाम नागफनी होने के कारण इस मंदिर का नाम भी नागफनी मंदिर ही है। ये मंदिर बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस प्रचानी मंदिर (Nagfani mandir) के अंदर शेष नाग और नागिन के जोड़े की काफी पुरानी मूर्ति मौजूद है। नाग नागिन की मूर्ति के अलावा यहां पर और भी कई देवताओं की काफी पुरानी पुरानी मूर्तियां रखी गई हैं। हर साल नागपंचमी के दिन यहां पर एक भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और नाग देवता का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।

नागफनी गांव के जंगल में मवेशी चराने पर है प्रतिबंध

Nagfani Mandir

पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यता के अनुसार नागफनी गांव के जंगलों में पहले के समय में वासुकी, तक्षक, शंख, कुलिक, पदम, महापदम जैसे कई नाग पाए जाते थे। साथ ही यहां पर सुमेधा, सुप्रधा, दिधिप्रिया, श्वेतमुखी, सुनेत्रा, सुगंधि, पद्मा जैसे नामों की नागिनों का वास रहा है। सदियों पहले नागवंशी राजाओं ने इसी गांव में एक मंदिर (Nagfani mandir) की स्थापना की थी। आज इस गांव की खासियत ये है कि यहां के जंगलों में मवेशियों का चराने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बताया जाता है कि इस जंगल में काफी दुलर्भ प्रजाती के विषैले सांप पाए जाते हैं जो मवेशियों को सिर्फ एक ही डंक से बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मुग्लों ने तोड़ा था ये मंदिर

Nagfani Mandir

कई स्थानीय लोगों की मानें तो ये मंदिर काफी (Nagfani mandir) पुराना है, सबसे पहले यहां पर नागवंशी राजाओं ने ही राज किया था , मुगल शासन में नागवंशी राजाओं द्वारा बनाए गए इस मंदिर को तोड़ दिया गया। हालांकि लोगों ने चालाकी दिखाते हुए मंदिर की मूर्तियों को खंडित होने से बचा लिया और उन्हें जमीन के अंदर गाड़ दिया। 1980 के आसापास भक्तों ने इन मूर्तियों को जमीन से निकाला और उन्हें मंदिर में स्थापित कर दिया गया।

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