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गोवा और कश्मीर छोड़, रशियन भारत में इस जगह पर करते हैं जमकर पैसा खर्च, मानते हैं इसे दूसरा घर

Russian Visitors

Russian Visitors : भारत में घूमने कि कई सारी जगहें हैं। जहां पार लोग देश-विदेश से घूमने आते हैं। भारत में बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी है तो रेगिस्तान भी है। वहीं भारत में ही आपको समुंद्र के बीच भी मिल जाएंगे। वहीं भारत में रशियन समेत कईं विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं। उनकी पसंद इतनी होती है कि वो दूसरे देशों को छोड़कर भारत को ही अपना घर मानने लगते हैं। वहीं रशियन लोग (Russian Visitors) जो भारत में आते हैं घूमने वो भारत में सभी जगहों से तो लगाव रखते ही है लेकिन एक खास जगह है जो उनके मन को खास लुभाती है। वो उस जगह को अपना दूसरा घर ही मानते हैं।

रशियन लोगों को सबसे फेवरेट जगह हैं मैक्लोडगंज

दरअसल रशियन लोग जब भी भारत में घूमने आते हैं वो हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज घूमे बिना वापिस नहीं जाते हैं। इस हिल स्टेशन को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक (Russian Visitors) आते हैं। यह हिल स्टेशन तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का घर भी है। मैक्लोडगंज हिल स्टेशन चारों तरफ से यकीन मानिए इस हिल स्टेशन को देखने के बाद आप नैनीताल और मसूरी की खूबसूरती को भूल जाएंगे। मैक्लोडगंज में कई बेहतरीन जगहें हैं, लेकिन भागसूना झरना, भागसूनाथ मंदिर, डल झील, नामग्याल, टी गार्डन तिब्बती म्यूजियम जैसी जगहों पर जाना रशियन नहीं भूलते हैं।

मठ में जाने के लिए भी आते हैं कई रशियन पर्यटक

इतना ही नहीं, यहां आकर रशियन लोग (Russian Visitors) सूर्योदय और सूर्यास्त व्यू प्वाइंट जैसी बेहतरीन जगहों को भी एक्सप्लोर करते हैं। मैक्लोडगंज हिल स्टेशन में रशियन लोगों को पहाड़ों पर तैरते बादलों को देखना पसंद होता हैं। बता दें यह प्रसिद्ध हिल स्टेशन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में है और यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इस हिल स्टेशन पर रशियन लोगों (Russian Visitors) को तिब्बती संस्कृति भी लुभाती हैं। यहां कई मठ हैं जहां जाकर रशियन लोग अपने इष्ट कि पूजा करते हैं। मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटक धर्मशाला भी जाते हैं।

कईं शानदार जगहों को देखने के लिए आते हैं पर्यटक

नामग्याल मठ मैक्लोडगंज का एक प्रसिद्ध मठ है और यह स्थान तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का निवास स्थान है। इस मठ की नींव 16वीं शताब्दी में दूसरे दलाई लामा ने रखी थी और इसे धार्मिक मामलों में दलाई लामा की मदद करने के लिए भिक्षुओं द्वारा स्थापित किया गया था। यह हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच ट्रैकिंग के लिए भी मशहूर है। रशियन पर्यटक (Russian Visitors) यहां त्रिउंड जा सकते हैं। यह एक आसान ट्रेक है और इस ट्रेक पर कई रशियन पर्यटक जाते हैं। यह ट्रेक 2828 मीटर की ऊंचाई पर है। पर्यटक यहां मिंकियानी दर्रे को देख सकते हैं।

सस्ते दरों में घूम लेते हैं रशियन पर्यटक

यह दर्रा धौलाधार रेंज का हिस्सा है। रशियन लोगों (Russian Visitors) के लिए दिल्ली से मैक्लोडगंज जाने और वापस आने का किराया सस्ता भी पड़ता है। जिसका किराया मात्र 1500 रुपये है। मैक्लोडगंज में एक कमरे का किराया 700 रुपये, यात्रा के लिए स्कूटी का किराया 500 से 600 रुपये और ईंधन का खर्च 300 रुपये तक होता है। एक दिन के खाने का खर्च 500 रुपये है।

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