Mangala: हिम्मत उम्र की मोहताज नहीं होती। ज़रूरी नहीं कि बढ़ती उम्र के साथ आप ज़िम्मेदारियाँ उठाने में असमर्थ हो जाएँ। इसका एक उदाहरण महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में देखने को मिला। जहाँ एक 65 वर्षीय महिला अपने घर का खर्च चलाने के लिए हर दिन ऑटो रिक्शा चलाती है और पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई है। बुलंद हौसलों वाली इस बुजुर्ग महिला का नाम मंगला आवले (Mangala) है.
Mangala ताई ने दिखाई हिम्मत
मंगला (Mangala) ताई ने दिखा दिया है कि उम्र, परिस्थितियाँ या लिंग, कभी भी आत्मसम्मान के साथ जीने में बाधा नहीं बन सकते। उन्होंने गाँव के बुज़ुर्गों, महिलाओं और ख़ासकर उन विधवाओं के लिए उम्मीद की एक नई किरण जगाई है जो समाज के डर से घर पर बैठी रहती हैं. आइये जानते हैं मंगला आजी के जीवन संघर्ष के बारे में।
Also Read…कौन है वो भारतीय महिला जिसकी UAE में मिली लाश, पति ने पेट पर मारी लात, सिर पर किया प्लेट से वार……..
पति के गुजरने के बाद की मजदूरी
महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित नंदगांव नाम के गांव में रहने वाली मंगला (Mangala) ताई का जीवन आसान नहीं है। पति के निधन के बाद वे चार बच्चों को अकेले छोड़ गए. मज़दूरी करके उन्होंने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया और सही रास्ते पर लाया। आज उनका बेटा राज्य परिवहन में ड्राइवर है और बेटियों की शादी हो चुकी है. डायबिटीज जैसी बीमारी होने के बावजूद, मंगला ताई ने अपने इलाज और आत्मनिर्भरता के लिए खुद ऑटो चलाना शुरू किया। उनके बेटे ने उन्हें सिखाया और सिर्फ़ 15 दिनों में, वो बिना किसी डर के, फिर से सड़कों पर आ गईं।
रोज़ाना चलाई ऑटो
बता दें की मंगला (Mangala) ताई रोज़ाना सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कराड से उंडाले तक यात्रियों को ले जाती हैं। इस मेहनत से उन्हें रोज़ाना 500 से 700 रुपये की कमाई हो जाती है। इस उम्र में भी उनका आत्मविश्वास देखकर हर कोई हैरान है। वो सिर्फ़ ऑटो नहीं चला रही हैं, बल्कि उन लाखों महिलाओं के लिए रास्ता भी बना रही हैं जो हालात के आगे हार मान जाती हैं।
Also Read…कौन है वो भारतीय महिला जिसकी UAE में मिली लाश, पति ने पेट पर मारी लात, सिर पर किया प्लेट से वार……..