Posted inन्यूज़

अंधे बैल की आंखें बना किसान, आपका भी दिल जीत लेगी इंसान और जानवर की दोस्ती की ये अनूठी कहानी

Blind Bull

Blind Bull: किसान अपने खेतों में खेती के लिए बैलों का इस्तेमाल करते हैं। खेती में बैलों की अहम भूमिका होती है। बैलों के सहारे ही किसान काफी कुछ अपना काम आसान बना लेते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ख़ास बैल की कहानी बताने जा रहे है, जिससे हर किसी का दिल पिघल जाएगा। ये कहानी है एक किसान और उसके अंधे बैल (Blind Bull) की। इसे जानकार हर किसी का दिल भर जाने वाला है। इस किसान ने अपने बैल के लिए जो किया है उससे हर कोई उस किसान को सैल्यूट कर रहा है।

अंधे बैल और किसान के दोस्ताने की कहानी

दरअसल हम जिस ख़ास बैल की बात कर रहे हैं वह बैल दोनों आंखों से नहीं देख सकता। लेकिन इस कमी के बावजूद ये बैल खेत में हर काम बखूबी कर रहा है। इस बैल का नाम सोन्या बैल है। पिछले 15 सालों से महाराष्ट्र के सोलापुर में रहने वाले इंद्रसेन मोटे इस अंधे सोन्या बैल (Blind Bull) की देखभाल कर रहे हैं। इंद्रसेन मोटे का ये बैल मीडिया में भी चर्चा का विषय बन गया है। किसान इंद्रसेन ने एक इंटरव्यू में बताया कि मेरी एक आंख मेरे लिए है और दूसरी आंख मेरे बैल सोन्या के लिए है।

आँखों में मांस बढ़ने के कारण हुआ अंधा

मीडिया को इंद्रसेन मोटे ने बताया कि वह महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वालुज गांव में रहते हैं। उनके बैल का नाम सोन्या है। पिछले 12 सालों से सोन्या बैल दोनों आंखों से अंधा (Blind Bull) है। इंद्रसेन मोटे ने बताया कि एक बार खेत में काम करते समय सोन्या की आंखों से पानी आने लगा। तब उन्होंने गांव के पशु विशेषज्ञ डॉ. श्रीहरि शिंगारे को दिखाया। जांच में पता चला कि दोनों आंखों में मांस बढ़ गया है और ऑपरेशन करना पड़ेगा।

ऑपरेशन के बाद भी 12 सालों से अंधा है बैल

यह सुनकर इंद्रसेन मोटे चौंक गए। लेकिन सोन्या के प्रति अपने प्यार के कारण उन्होंने ऑपरेशन करवाने का फैसला किया। इंद्रसेन ने बताया कि, ‘डॉ. शिंगारे और डॉ. सचिन मोटे ने सोन्या की दोनों आंखों का सफल ऑपरेशन किया। सोन्या बैल (Blind Bull) भले ही दोनों आंखों से अंधा है। लेकिन फिर भी वह खेत में हर काम करता है। वह और उनका परिवार इसी बैल के काम पर निर्भर था। बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च इसी से चलता था।’

अंधे होने के बाद भी खेती के करता है काम

इंद्रसेन मोटे ने बताया कि, ‘अंधे बैल (Blind Bull) को खेती के काम के लिए किराए पर भी दिया जाता है। जिससे परिवार की आर्थिक मदद होती है। आज सोन्या खेतों में बुवाई, मड़ाई और बैलगाड़ी खींचने जैसे काम करता है। खास बात यह है कि आस-पास के किसान इसे देखने आते हैं और इसकी सराहना करते हुए इसकी पीठ थपथपाते हैं।’

यह भी पढ़ें : भारत को लगा झटका, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर हुआ टीम इंडिया का मैच विनर खिलाड़ी

Exit mobile version