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ड्राइवर की बेटियों ने किया कमाल, 12वीं रैंक से पास हुई IAS Officer की बेटी को दी मात, गरीब पिता का बढ़ाया मान

Success Story

Success Story : हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा का अंतिम परिणाम हाल ही में घोषित किया गया। अंतिम परिणाम में कुल 111 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इस परिणाम में एक रोचक कहानी सामने आई। हरियाणा में तैनात एक आईएएस अधिकारी की बेटी और उनके ड्राइवर कि बेटी ने एक साथ परीक्षा पास की और जज बन गए।

यह कहानी ना केवल इन दो परिवारों की मेहनत और लगन की मिसाल है, बल्कि समाज में सपनों को पूरा करने की प्रेरणा भी देती है। पारस और समीक्षा की सफलता (Success Story) साबित करती है की कड़ी मेहनत, सहयोग और दृढ़ संकल्प से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

आईएएस ऑफिसर और ड्राईवर की बेटी बनी जज

इस प्रकार हरियाणा न्यायिक सेवा के परिणाम ने हमें याद दिलाया है कि सच्ची मेहनत सफलता (Success Story) दिलाती है। हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा न्यायिक सेवा मुख्य परीक्षा 12 से 14 जुलाई 2024 तक आयोजित की गई थी। आइए जानते हैं की दोनों में से किसकी रैंक अधिक है।

आज हम आपको इसी से जुड़ी एक कहानी बताएंगे, जिसमें एक अमीर घर और एक गरीब घर से आने वाली बेटी ने एक साथ नए मुकाम हासिल किए। हम बात कर रहे हैं हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा और उनके ड्राइवर होशियार सिंह की बेटी की।

समीक्षा और पारस की Success Story

दोनों बेटियों ने एक साथ हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा पास करने के साथ ही पारस और समीक्षा जज बनीं। एक तरफ जहां पारस के पिता आईएएस ऑफिसर हैं, वहीं दूसरी तरफ समीक्षा के पिता पारस के पिता के ड्राइवर हैं। पारस का कहना है कि उनके लिए समीक्षा का चयन उनकी खुद की सफलता से ज्यादा खुशी का मौका था। पारस ने कहा, “मुझे खुशी है कि समीक्षा ने अपनी कड़ी मेहनत से यह सफलता (Success Story) हासिल की, खासकर अपने परिवार के सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।”

समीक्षा के पिता का सपना बेटी भी बने अफसर

जज बनने के बाद समीक्षा ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा कि 2007 से अफसरों के साथ काम कर रहे उनके पिता होशियार सिंह हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटी भी अफसर बने। समीक्षा ने बताया की छोटी उम्र से ही किताबों में जजों की तस्वीरें देखकर प्रेरणा लेती थी और तय कर लिया था कि एक दिन जज बनेगी।

जब मुकेश कुमार को पता चला कि उनके ड्राइवर की बेटी भी शिक्षा प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, तो उन्होंने दोनों लड़कियों को एक-दूसरे से मिलवाया ताकि दोनों एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकें। समीक्षा के पिता, जो पेशे से ड्राइवर हैं उन्होंने अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुशी जताई। उन्होंने अपनी बेटी की उपलब्धि (Success Story) को कड़ी मेहनत और भाग्य का संगम बताया।

दोनों के पिता ने जताया अपनी बेटियों पर गर्व

पारस और समीक्षा कि इस सफलता ने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद खुशी जताते हुए उन्होंने कहा, “बच्चे सबके बराबर होते हैं, जब मुझे पता चला कि होशियार सिंह की बेटी भी परीक्षा की तैयारी कर रही है, तो मैंने दोनों को एक-दूसरे से मिलाया।

बच्चे सबके बराबर होते हैं, मुझे खुशी है, दोनों सफल हुई हैं।” वहीं समीक्षा के पिता होशियार सिंह ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा, सपनों में भी नहीं। मैं स्कूल खत्म करने के बाद ड्राइवर बन गया, लेकिन मेरी बेटी जज बनने जा रही है। मुझे उस पर बहुत गर्व (Success Story) है।’

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