Ahmedabad Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) हादसे ने सभी को तोड़ कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे के साथ रतन टाटा के सपने भी चकनाचूर हो गए है। यह हादसा टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद सबसे बड़ा विमानन हादसा है, जिसने कंपनी की प्रतिष्ठा और वित्तीय स्थिति पर गहरा प्रभाव डाला है।
टाटा समूह और टाटा संस के अध्यक्ष रहे रतन टाटा ने अपने जीते जी साल 2021 में इसे भारत सरकार के खरीदा था। लेकिन इस हादसे से उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है।
विमान में मौजूद से 242 लोग
दरअसल अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का एक विमान गुरुवार को टेकऑफ़ करते ही क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) हो गया है। इस प्लेन में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद अहमदाबाद के मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में प्लेन क्रैश हो गया।
इस हादसे में एक शख्स की जीवित बचने की खबर आ रही है, जो अस्पताल में भर्ती है। इस विमान में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।
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एयर इंडिया को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की थी योजना
आपको बता दें, रतन टाटा और टाटा ग्रुप ने 8 अक्टूबर 2021 को एयर इंडिया, उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस, और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS में 50% हिस्सेदारी को 18,000 करोड़ रुपये (लगभग 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) में खरीदा था। इस सौदे में टाटा ने 2,700 करोड़ रुपये नकद भुगतान किया और 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर लिया।
इसके बाद 27 जनवरी 2022 को आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा को हस्तांतरित हुआ, जिसने 69 साल बाद इस प्रतिष्ठित एयरलाइन को अपने मूल संस्थापक समूह के पास वापस लाया टाटा ने इसके बाद 470 विमानों का ऑर्डर देकर और बुनियादी ढांचे में निवेश करके एयर इंडिया को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी। लेकिन अब इस हादसे (Ahmedabad Plane Crash) से उनकी योजनाएं ठप होती नजर आई आ रही है।
टाटा को बड़ा झटका
इस हादसे (Ahmedabad Plane Crash) का असर टाटा ग्रुप की छवि और एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर भी पड़ा है। टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने बयान जारी कर शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
हादसे की जांच डीजीसीए और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स में तकनीकी खराबी की ओर इशारा किया गया है। यह हादसा टाटा के लिए वित्तीय और भावनात्मक रूप से भारी पड़ सकता है, क्योंकि एयर इंडिया को पुनर्जन्म की राह पर लाने के लिए पहले से ही भारी निवेश किया जा रहा है।
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