Under 19 World Cup 2022: वेस्टइंडीज में खेले जा रहे अंडर-19 वर्ल्ड कप के लीग मैच खत्म हो चुका है। टीम इंडिया ने अपने सभी लीग मैचों में बड़े अंतर से जीत हासिल की है। हाल ही में टीम इंडिया के बल्लेबाज राजा बावा ने युगांडा के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर टीम इंडिया के साथ ही अपने परिवार का नाम रोशन किया है। दरअसल इस खिलाड़ी के पूरे परिवार का क्रिकेट से खास नाता रहा है। आइये आपको बताते है इस खिलाड़ी के बारे में।
टीम इंडिया का उभरता सितारा बनें राज बावा
बता दें कि अंडर-19 विश्व कप में युगांडा के खिलाफ खेले गए लीग मैच में टीम इंडिया ने बड़ी जीत हासिल की है। मुकाबले में टीम ने युगांडा को 326 रनों के बड़े अंतर से हराया है। इस जीत के रियल हीरो अंगकृष रघुवंशी और राजा बावा रहे। दोनों बल्लेबाजों ने शतकीय पारियां खेलकर शानदार रिकॉर्ड बनाया हैं। राज बावा (Raj Bawa) ने 108 गेंदों का सामना करते हुए 14 चौके और 8 छक्के की मदद से 162 रन की नाबाद पारी खेली।
इतना ही नहीं राज बावा ने शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के 18 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। जो, उन्होंने साल 2004 में अंडर-19 विश्व कप में बनाया था। बता दें कि स्कॉटलैंड के खिलाफ ढाका में धवन ने 155 रनों की नाबाद पारी खेली थी, लेकिन अब राज बावा रिकॉर्ड तोड़ते हुए धवन से आगे निकल चुके हैं।
राज को परिवार से मिली प्रेरणा
बता दें कि राज बावा (Raj Bawa) को स्पोर्ट्स विरासत में मिला है। बता दें उनके पिता सुखविंदर सिंह बावा (Sukhwinder Singh Bawa) क्रिकेट कोच रहे हैं। जबकि दादा तरलोचन सिंह बावा (Tarlochan Singh Bawa) 1948 में लंदन ओलंपिक (London Olympics 1948) में गोल्ड जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।
युवराज सिंह जैसा बनने का सपना
राज बावा (Raj Bawa) को लेकर दिलचस्प बात ये है कि वो दाएं हाथ से गेंदबाजी और बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। उन्होंने युवराज सिंह को देखकर काफी कुछ सीखा है। राज ने कहा, ‘मैं अपने पापा के क्रिकेट क्लब में युवराज सिंह को प्रैक्टिस करते हुए देखता था। जब मैंने पहली बार बैट उठाया, तो शायद मैं उनको कॉपी करने की कोशिश कर रहा था, और फिर मैंने उन्हीं के स्टाइल में खेलने शुरू कर दिया। वो मेरे रोल मॉडल हैं।
जाने क्यों पहनते हैं 12 नंबर की जर्सी?
राज बावा (Raj Bawa) ने बताया कि उन्होंने 12 नंबर की जर्सी इसलिए चुनी क्योंकि युवराज सिंह भी ऐसा करते थे। इसके साथ ही राज ने बताया, ‘मैंने कई वजहों से नंबर 12 चुना। मेरे स्वर्गीय दादा का बर्थडे 12 फरवरी को है। युवराज सिंह भी 12 नंबर वाली जर्सी पहनते थे। उनका जन्मदिन 12 दिसंबर को है। मैं भी अपना बर्थडे 12 नवंबर को मनाता हूं,’
‘पापा की वजह से बना ऑलराउंडर’
राज बावा (Raj Bawa) ने अपने पिता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘पापा को मेरे खेल के बारे में जानकारी थी. मैं नेचुरल फास्ट बॉलर था. इसलिए उन्होंने मुझसे बैटिंग पर फोकस करने को कहा. शुरुआत में मैं सिर्फ बल्लेबाजी पर ध्यान लगाता था और ऑफ स्पिन गेंदबाजी करता था. लेकिन विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए पंजाब टीम का कैंप लगा था और इसी कैंप से मैंने दोबारा तेज गेंदबाजी शुरू की. लेकिन मैंने डैड को नहीं बताया. लेकिन बाद में पकड़ा गया. लेकिन पापा इससे खुश हुए और आज उनकी ही बदौलत मैं ऑलराउंडर बन पाया हूं.