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पुल था बंद, अस्पताल दूर… गोद में दम तोड़ गया मासूम – यूपी की इस घटना से कांप उठेगा दिल

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The bridge was closed, the hospital was far away… the innocent died in the lap

Hospital: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक दर्दनाक और बेबसी भरा वीडियो सामने आया है. यहां एक पिता को अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए 700 मीटर लंबा यमुना पुल पैदल पार करना पड़ा. यह घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के यमुना ब्रिज की है, जहां मेंटेनेंस वर्क के कारण आवागमन पूरी तरह बंद था.

पिता अपने बच्चे की मौत पर फूट-फूट कर रो रहा है. उस पिता का हृदय बेचैन और पीड़ा में रहा. बच्चे को गोद में लेकर पुल पर दौड़ते पिता अस्पताल (Hospital) जा रहा ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

जानें पूरा मामला

हमीरपुर शहर के पटकाना मोहल्ला निवासी नसीम कबाड़ का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनके पाँच बच्चे हैं, जिनमें जुनैद सबसे बड़ा बेटा था. कक्षा एक में पढ़ने वाले मासूम जुनैद को हाल ही में बुखार आने पर गलती से घर में रखी एक्सपायरी दवा दे दी गई, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई. पड़ोसियों ने बताया कि नसीम के पास कानपुर में अपने बच्चे का अस्पताल (Hospital) में इलाज कराने के लिए एक पैसा भी नहीं था।

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पैदल बच्चे को लेकर किया पुल पार

मिली जानकारी के अनुसार, हालत गंभीर होने पर बच्चे को जिला अस्पताल (Hospital) हमीरपुर से कानपुर रेफर किया गया था, लेकिन पुल बंद होने के कारण कोई भी वाहन उसे पार नहीं कर पा रहा था. ऐसे में बेबस पिता अपने बेटे को गोद में लेकर तपती दोपहरी में खराब सड़क के बावजूद पैदल ही पुल पार करता रहा। यह दृश्य देखने वालों की आँखों में आँसू ला देता है.

न मदद और न मिली एम्बुलेंस की सुविधा

इस दौरान न तो कोई प्रशासनिक मदद मिली और न ही एम्बुलेंस की सुविधा। पिता अकेले ही अपने बच्चे को लेकर 700 मीटर लंबा पुल पार कर गया। बच्चे की हालत देखकर आसपास के लोग भी चिंतित हो गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई.

यह घटना एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। एक तरफ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं हकीकत यह है कि एक गरीब पिता को अपने बीमार बच्चे के साथ ज़िंदगी और मौत से जूझना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का रखरखाव ज़रूरी है, लेकिन इस दौरान आपातकालीन मरीज़ों के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए थी। अगर कोई गंभीर मरीज़ समय पर अस्पताल (Hospital) नहीं पहुँचता, तो उसकी जान को ख़तरा हो सकता था।

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