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325 रुपए जूते का केस बना सिरदर्द, 7 साल से कोर्ट में अटका, फैसला आज तक नहीं

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The case of shoes worth Rs. 325 has become a headache, stuck in court for 7 years, decision still not taken

Shoes: बंगाल की एक अदालत में एक दिलचस्प मामला चल रहा है। 325 रुपये के एक जूते (Shoes) का मामला पिछले सात सालों से अदालत में चल रहा है. कवि मनोरंजन साहा ने उप प्रमुख सिद्धेश्वर आचार्य के खिलाफ अदालत में मामला दायर कर दावा किया है कि बर्दवान में एक कवि सम्मेलन के दौरान उनका जूता खो गया और उप प्रमुख उसे ले गए. यह मामला पिछले सात वर्षों से चल रहा है.

बस स्टैंड के पास दिखा Shoes

यह मामला 23 अगस्त 2015 को बर्दवान जिले के गोपालबाड़ी में आयोजित एक कवि सम्मेलन से शुरू हुआ. उस कार्यक्रम में उपप्रधान सिद्धेश्वर आचार्य और कवि मनोरंजन साहा दोनों मौजूद थे लेकिन कवि सम्मेलन के बाद मनोरंजन साहा को पता चला कि उनका जूता गायब है और उन्हें नंगे पैर ही घर लौटना पड़ा. जूते (Shoes) खोने के दो दिन बाद उन्होंने सिद्धेश्वर आचार्य को कालना बस स्टैंड के पास वही जूता पहने देखा.

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जूते को लेकर हुई लड़ाई

325 Rupees Shoe Case Becomes A Headache

मनोरंजन साहा ने दावा किया कि यह जूते (Shoes) उनका है और उन्होंने अपने जूते की मांग की, लेकिन सिद्धेश्वर आचार्य ने जूता देने से इन्कार करते हुए कहा कि यह जूता उनका नहीं है और इसी को लेकर दोनों के बीच जमकर मारपीट भी हुई. बाद में लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.

बाद में मनोरंजन साहा ने इंटरनेट मीडिया पर जूते को लेकर काफी प्रचार किया और जूते की चोरी को लेकर शायरी भी लिखी, जो काफी वायरल हुई थी.

चोरी का लगा आरोप

मनोरंजन साहा इतने में ही शांत नहीं हुए. उन्होंने जूते (Shoes) की चोरी की शिकायत कालना थाना में दर्ज कराई और अपना जूता वापस करने की गुहार लगाई। थानेदार में दोनों को बुलाकर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन मामला सुलझने की जगह और भी उलझ गया. जब मामला और भी उलझ गया तो मनोरंजन साहा ने स्थानीय कोर्ट में केस दायर कर दिया और यह मामला पिछले सात सालों से विचाराधीन है.

कारावास तक पहुंचा मामला

सिद्धेश्वर आचार्य के वकील गौतम मलिक का कहना है कि हालांकि प्राथमिक तौर पर यह मामला जूते (Shoes) का है, लेकिन यह अब मानहानि का मामला बन गया है. इस मामले में दोषियों को जुर्माना या कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है. वहीं कवि मनोरंजन साहा के वकील पिनाकी राय ने कहा कि यदि उनके मुवक्किलव जीतते हैं, तो उन्हें हर्जाना मिल सकता है.

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