Posted inन्यूज़

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाले को कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा, आने वाली 7 पुश्तें भी नहीं भूलेगी भारत का नाम

The High Court Gave Such A Punishment To The Person Who Said 'Pakistan Zindabad' That He Will Never Forget The Name Of India
The High Court gave such a punishment to the person who said 'Pakistan Zindabad' that he will never forget the name of India

High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (High Court) ने हाल ही में ‘पाकिस्तान जिंदा, हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाने वाले आरोपी को एक अनोखी सजा का ऐलान किया है। आपको बता दें, रायसेन निवासी फैजल उर्फ फैजान ने हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। इसके बाद उसको हिरासत में लिया गया। ये मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचा जहां पर उसे इस शर्त पर जमानत दी गई कि वह हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को तिरंगे को सलामी देगा।

High Court: कोर्ट ने क्या दिया आदेश

High Court

हाई कोर्ट (High Court) ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी को मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक महीने में दो बार पुलिस थाने जाना होगा और हर बार ‘भारत माता की जय’ बोलते हुए 21 बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देनी होगी। अदालत ने आगे निर्देश दिया कि भोपाल निवासी आरोपी फैजल उर्फ ​​फैजान महीने के प्रत्येक पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच मिसरोद पुलिस थाने में उपस्थित होगा। आरोपी ​​फैजान को 50 हजार रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी गई।

क्या है पूरा मामला

High Court

हाई कोर्ट (High Court) ने आरोपी फैजल उर्फ ​​फैजान को इसी साल 17 मई के दिन भोपाल की मिसरोद थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत मुर्दाबाद’ के नारे लगाने का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153बी के तहत कार्रवाई की थी।

फैजान के वकील ने दलील दी है कि आवेदक को झूठा फंसाया गया है। फिर भी, फैजान के वकील ने उचित रूप से कहा है कि एक वीडियो में आवेदक नारे लगाते हुए दिखाई दे रहा है। लेकिन उन्होंने अदालत से कुछ सख्त शर्तें लगाकर जमानत देने की प्रार्थना की।

आरोपी के खिलाफ पहले से 13 मामले दर्ज

High Court

दोनों पक्षों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल ने कहा, आवेदक के खिलाफ 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वीडियो में वह उपरोक्त नारे लगाता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि, मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, लेकिन मामले के गुण-दोष पर कुछ भी व्यक्त किए बिना, मेरा विचार है कि आवेदक को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

सुहागन होकर भी करवाचौथ का सुख नहीं भोग पाएगी TV की ये हसीना, सैंया निकला झूठों का बड़ा सरताज

Exit mobile version