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1971 भारत-पाक जंग में भारतीय सेना का धांसू दिमाग! सैकड़ों कंडोम मंगवाने का लोटपोट करने वाला राज, वजह सुनकर पेट पकड़ लेंगे!

India- Pakistan 1971 War
India- Pakistan 1971 War

India- Pakistan 1971 War: 1971 के (India- Pakistan) युद्ध में भारतीय सेना ने एक ऐसा तरीका अपनाया था, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया था. आपको जानकर भी अजीब लगेगा, लेकिन यह सच है कि इस युद्ध को जीतने के लिए भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर कंडोम मंगवाए थे. आइये जानते हैं ऐसा क्यों किया गया?

कंडोम आर्डर करने का राज

16 दिसंबर 1971 वो दिन था जब 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इस युद्ध को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. इस युद्ध से जुड़ी एक कहानी है जो आपको थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन इसके पीछे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण छिपा है. युद्ध के दौरान, भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी जहाजों पर बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करके हमला करने और बांग्लादेश को सफलतापूर्वक आज़ाद कराने के लिए सैकड़ों हज़ारों कंडोम मंगवाए थे.

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क्यों किए थे इतने कंडोम ऑर्डर?

Bharat Pakistan War

इस युध्द में भारत का मुख्य उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) को पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से मुक्त कराना था. इस दौरान भारतीय नौसेना ने चटगांव बंदरगाह पर पाकिस्तानी जहाजों को नष्ट करने की योजना बनाई ताकि उनकी आपूर्ति लाइनें तोड़ी जा सकें. इसके लिए नौसेना ने लिम्पेट माइंस का इस्तेमाल किया, जो छोटी-छोटी खदानें होती हैं जो जहाजों के नीचे फंसने के बाद फट जाती हैं.

एकमात्र समाधान था कंडोम

लिमपेट माइंस को जहाज़ों के निचले हिस्से में लगाने के लिए गोताखोरों को पानी के नीचे जाना पड़ता था. इन माइंस में 30 मिनट में विस्फोट करने के लिए टाइमर सेट किया गया था, लेकिन पानी के संपर्क में आने से टाइमर खराब हो सकता था या माइन समय से पहले फट सकती थी. गोताखोरों को बारूदी सुरंग लगाने और सुरक्षित बाहर निकलने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता थी, लेकिन पानी के नीचे बारूदी सुरंग को सुरक्षित रखना एक चुनौती थी.

भारतीय नौसेना ने इस समस्या के समाधान के लिए सैकड़ों कंडोम मंगवाए. कंडोम को लिमपेट माइंस के ऊपर रखा गया ताकि माइन पानी में सुरक्षित रहे और समय रहते फट जाए. इस मिशन में भारतीय वायुसेना ने भी अहम भूमिका निभाई.

कंडोम से की गई बंदूकों की सुरक्षा

भारतीय सेना ने कंडोम का एक और अनोखा उपयोग भी किया है. बांग्लादेश के कीचड़ भरे और दलदली इलाकों में सैनिकों को अपनी बंदूकों को गीला होने से बचाने की ज़रूरत होती है. सैनिक बंदूकों के थूथन पर कंडोम लगाते हैं ताकि कीचड़ और पानी से हथियार खराब न हो। इससे बंदूकें सूखी रहती हैं और इस्तेमाल के लिए तैयार रहती हैं।

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