Snake’s: एक व्यक्ति ने उस सांप (Snake’s) का जहर सहन कर लिया जिसे देखकर भी लोग दूर भागते हैं. उसने एक नहीं, ऐसे 700 सांपों का जहर अपने शरीर में प्रवेश कर लिया, फिर भी उसकी मौत नहीं हुई. इसीलिए हम इसे नागराज कहते हैं. वैज्ञानिक भी उसकी अद्भुत शक्ति देखकर चकित रह गए और उन्होंने उसका खून निकालकर उस पर शोध शुरू कर दिया. तो चलिए, जानते हैं कि आखिर यह व्यक्ति कौन है?
20 सालों से पी रहा सांपों का विष
अमेरिका के टिम फ्रीडे ने पिछले 18 सालों से खुद को कोबरा समेत ब्लैक माम्बा जैसे अनगिनत ज़हरीले सांपों से कटवाया.
उनके खून में सांप के ज़हर से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता तैयार हो गयी. ये बंदा कई बार मरने से बचा है. कई महीनों कोमा में रहा. लेकिन अब टीम फ्रिडे को एक दवा कंपनी हर… pic.twitter.com/rB8HEmcdMm
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) May 3, 2025
यह टिम फ्राइड नाम के एक व्यक्ति की कहानी है, जिसने लंबे समय तक खुद को साँप सांप (Snake’s) के ज़हर से लड़ने के लिए मज़बूत बनाया. इस व्यक्ति ने खुद को साँप के ज़हर की बढ़ती खुराक दी ताकि अगर कभी साँप उसे काट ले, तो वह बच जाए. पिछले 20 सालों में, वह खुद को 700 से ज़्यादा बार कई खतरनाक साँपों का ज़हर दे चुका है. अब वह कोबरा, ब्लैक माम्बा, ताइपन जैसे सबसे खतरनाक साँपों के काटने पर भी नहीं मरेगा।
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साइंटिस्ट ने खून से बना लिया एंटी वेनम
वैज्ञानिकों ने टिम फ्राइड के सिर्फ़ 40 मिलीलीटर खून से अरबों एंटीबॉडीज़ तैयार की हैं. उन्होंने इन एंटीबॉडीज़ को चुना और चूहों पर उनका परीक्षण किया, जिन्हें दुनिया के 19 सबसे ख़तरनाक साँपों (Snake’s) का ज़हर दिया गया था. नतीजे हैरान करने वाले थे. दरअसल, टिम के खून में पाए गए दो विशिष्ट एंटीबॉडी – LNX-D09 और SNX-B03 – का परीक्षण एक अन्य रसायन, वारसप्लाडिब के साथ किया गया. इस कॉकटेल ने चूहों को 13 विभिन्न सांपों के जहर से पूरी तरह से बचाया, जिनमें कई कोबरा, टाइगर सांप और कॉमन ताइमेन शामिल थे, जबकि शेष 6 सांपों के जहर से आंशिक सुरक्षा प्रदान की.
इस शख्स का ब्लड बना अमृत
वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया में 600 से ज़्यादा तरह के ज़हरीले सांप (Snake’s) हैं, जिनका ज़हर और प्रजातियाँ दोनों ही बहुत अलग हैं. ऐसे में, अब तक ऐसा एंटीवेनम बनाना मुश्किल था जो सभी साँपों के ज़हर के ख़िलाफ़ काम करे, लेकिन इस नए एंटीवेनम ने अपनी उपयोगिता साबित कर दी है. फ़िलहाल, शोध दल इस नए उपचार का परीक्षण उन जानवरों पर कर रहा है जिन्हें ज़हरीले साँपों ने काटा है, ताकि इसकी विश्वसनीयता साबित हो सके।