Train: आज के दौर में जहाँ हर तरफ मुनाफे और लागत में कमी की बात हो रही है. जहाँ कंपनियाँ और यहाँ तक कि सरकारें भी सिर्फ़ पैसों के दम पर फ़ैसले लेती हैं. वहीं जापान ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है जिसे सुनकर हर किसी का दिल पिघल जाएगा. ज़रा सोचिए।
एक पूरा रेलवे स्टेशन सिर्फ़ इसलिए चालू रहा क्योंकि वहाँ से रोज़ाना एक लड़की स्कूल जाती थी. इस ट्रेन (Train) कहानी है जापान के होक्काइडो द्वीप पर स्थित क्यू-शिराताकी स्टेशन की.
बस लड़की को दिखती है ये Train
दरअसल, यह स्टेशन 2016 तक सिर्फ़ एक हाई स्कूल के छात्र, काना हरादा के लिए खुला था. यह रेलवे के लिए घाटे का सौदा था क्योंकि वहाँ यात्रियों की संख्या बहुत कम थी और मालगाड़ियों का संचालन भी बंद हो गया था. जापान रेलवे ने इस स्टेशन को बंद करने की योजना बनाई थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि काना हराडा नामक एक किशोर स्कूल जाने के लिए हर दिन इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ता है, तो उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया. लाभ-हानि से ऊपर उठकर अधिकारियों ने ट्रेन (Train) चालू करने की निर्णय लिया कि जब तक छात्रा अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर लेती, स्टेशन चालू रहेगा.
Also Read…जिनके दम पर भारत बना था एशिया कप का चैंपियन, वही 3 खिलाड़ी इस बार रहेंगे गायब
रोज़ाना 73 मिनट चलना पड़ता पैदल
स्टेशन पर रोज़ाना सिर्फ़ चार ट्रेनें (Train) रुकती थीं, जिनमें से दो उसके स्कूल के समय से मेल खाती थीं. इसका मतलब था कि वह स्कूल के बाद किसी भी पाठ्येतर गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकती थी. कभी-कभी उसे आखिरी ट्रेन पकड़ने के लिए कक्षा से जल्दी निकलना पड़ता था. अगर स्टेशन बंद होता, तो उसे दूसरी एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने के लिए रोज़ाना 73 मिनट पैदल चलना पड़ता. इन तमाम मुश्किलों के बावजूद, क्यू-शिराताकी स्टेशन, काना के लिए शिक्षा पाने का सबसे भरोसेमंद ज़रिया था.
हमेशा के लिए बंद हुआ रेलवे स्टेशन
मार्च 2016 में, जब छात्र स्नातक हो गया और उसका शैक्षणिक वर्ष समाप्त हो गया, तो रेलवे ने स्टेशन को हमेशा के लिए बंद कर दिया, लेकिन इस छोटी सी कहानी ने पूरी दुनिया को एक बड़ा सबक दे दिया. इससे साबित हुआ कि असली विकास वही है जो मानवता से जुड़ा हो. यह घटना मीडिया में सुर्खियाँ बनी और हर जगह लोगों ने जापान रेलवे की करुणा और प्रतिबद्धता की सराहना की।
Also Read…पाकिस्तान, श्रीलंका या भारत… कौन बनेगा एशिया कप 2025 का विजेता, हो गई बड़ी भविष्यवाणी