Property Donation : कोई भी माता-पिता अपने बच्चों से यही चाहते हैं कि उनके बुढ़ापे में वह उनका सहारा बने और उनकी सेवा करें। लेकिन इस कलयुग के दौर में बच्चे अपने ही माता-पिता का त्याग कर देते और यहाँ तक कि उनका अपमान भी करते है। जब बुढ़ापे में उन्हें सहारे की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है तो वही बच्चे उन्हें अकेला छोड़ देते हैं।
ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला तमिलनाडु से सामने आया है। यहाँ एक रिटायर्ड सैनिक को उनकी बेटियों ने अपमानित किया तो पिता ने भी प्रॉपर्टी दान (Property Donation) करने जैसा एक कठोर फैसला ले लिया।
रिटायर्ड आर्मी सैनिक ने की दान की अपनी संपत्ति
यह मामला तमिलनाडु का है। जहाँ तिरुवन्नामलाई जिले में रिटायर्ड आर्मी सैनिक एस विजयन ने अपना अपमान होने के बाद अपनी बेटियों को सबक सिखाने के लिए एक कठोर फैसला लिया।
उन्होंने अपनी 4 करोड़ रुपये की संपत्ति अरुलमिघु रेणुगाम्बल अम्मन मंदिर को दान (Property Donation) कर दी। बताया गया कि विजयन अरनी के पास केशवपुरम गांव के निवासी हैं। उन्हें रेणुगाम्बल अम्मन का कट्टर भक्त माना जाता है।
10 सालों से अकेले रह रहे थे रिटायर्ड आर्मी सैनिक
जांच में पता चला कि वह पिछले 10 सालों से अकेले रह रहे थे। उनकी पत्नी से अनबन चल रही थी। 65 वर्षीय पूर्व सैनिक की दो बेटियां हैं और दोनों शादीशुदा हैं। वे दोनों चेन्नई और वेल्लोर में रहती हैं। हालांकि कथित तौर पर उन्हें अपने परिवार से कोई सहयोग नहीं मिलता है।
उनकी बेटियां उन पर संपत्ति अपने नाम करने का दबाव बना रही थीं। एस विजयन का कहना है कि मुझे मेरे बच्चों ने दैनिक खर्च के लिए भी अपमानित किया।
बेटियों के ताने बाप के लिए बने जहर
विजयन ने आगे कहा कि, “मैं अपनी बात से पीछे नहीं हटूंगा। मंदिर अधिकारियों से सलाह लेने के बाद मैं अपनी संपत्ति कानूनी तौर पर मंदिर को हस्तांतरित करूंगा।” विजयन ने बताया कि उनकी बेटियां उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए उन्हें परेशान कर रही थीं।
उन्हें उनके रोजमर्रा के खर्चों के लिए ताना मारा जाता था। इन सब अपमानों से तंग आकर उन्होंने अपनी संपत्ति (Property Donation) के कागजात अरुलमिघु रेणुगामबाल अम्मन मंदिर को दे दिए।
कैसे हुआ संपत्ति दान करने के मामले का खुलासा?
24 जून को जब अरुलमिघु रेणुगामबाल अम्मन मंदिर का दानपात्र खोला गया तो उसमें पैसों के साथ संपत्ति (Property Donation) के दस्तावेज भी मिले। संपत्ति के कागजात के साथ सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी एस विजयन अरनी ने एक पत्र भी छोड़ा था। जिसमें उन्होंने साफ लिखा था कि वह अपनी मर्जी से यह संपत्ति मंदिर को दे रहे हैं।
एस विजयन अरनी द्वारा मंदिर को दी गई संपत्ति (Property Donation) दो अलग-अलग जगहों पर है। एक जमीन मंदिर के पास स्थित है। दूसरा एक मंजिला मकान है, दोनों की कीमत करीब 4 करोड़ रुपये है।
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