Posted inन्यूज़

ना एंबुलेंस, ना स्ट्रेचर…भाई बना असली हीरो, बहन की लाश को बाइक से ले गया घर, आत्मा को झकझोर देगा VIDEO 

Up-News-Brother Tied Sister'S Dead Body With A Dupatta And Left On Bike
up-news-Brother tied sister's dead body with a dupatta and left on bike

UP News : उत्तर प्रदेश (UP News) के औरैया जिले के बिधूना सरकारी अस्पताल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें एक युवक अपनी बहन का शव बाइक पर ले जाने को मजबूर है। दूसरी बहन शव को पीछे से पकड़े हुए है। वायरल फोटो बिधूना कोतवाली क्षेत्र के नवीन बस्ती की है।

यहां प्रताप सिंह की बेटी नहाने के लिए पानी गर्म कर रही थी। इसी दौरान उसे करंट लग गया। परिजन आनन-फानन में युवती को बाइक पर अस्पताल लेकर पहुंचे।

UP News : बहन के मृत शरीर को बाइक पर ले गया भाई

20 वर्षीय अंजलि नहाने के लिए पानी गर्म करने कमरे में गई थी। जहां बाल्टी में बिजली की रॉड रखी थी। इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गई। परिजनों ने जब अंजलि को बाल्टी के पास पड़ा देखा तो उसे सीएचसी ले गए। यूपी (UP News) के औरैया में मौजूद डॉक्टर ने अंजलि को मृत घोषित कर दिया।

युवती की मौत के बाद परिजन टूट गए। डॉक्टर से शव को बिना पोस्टमार्टम कराए घर ले जाने की बात कहकर निकल आए। बाइक पर अंजलि का भाई आयुष, पिता प्रबल और दूसरी बहन सवार थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ VIDEO

अंजलि की मौत ने उन्हें इतना झकझोर दिया कि परिजनों को एंबुलेंस का भी ध्यान नहीं रहा। इसके बाद आयुष बाइक पर बैठ गया। दूसरी बहन पीछे बैठ गई। पिता ने अंजलि के शव को बीच में रखा। संतुलन ना बिगड़े इसके लिए अंजलि के शव को उसके भाई आयुष ने दुपट्टे से पीठ पर बांध दिया।

इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों की निगाहें इस पूरी घटना पर टिकी रहीं। कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यूपी (UP News) का यह मामला सुर्खियों में आ गया।

अस्पताल प्रशासन पर एम्बुलेंस नहीं देने का आरोप

इस संबंध में अस्पताल ने इस आरोप से इनकार किया है कि पीड़िता को वाहन उपलब्ध कराने में लापरवाही बरती गई। यूपी (UP News) के औरैया अस्पताल अधीक्षक अविचल पांडेय ने बताया कि जब परिजन बच्ची को लेकर आए तो उसकी मौत हो चुकी थी। पोस्टमार्टम ना कराने का लिखित बयान देकर परिजन शव को अपने साथ ले गए।

उन्होंने बताया कि परिजनों ने किसी प्रकार के वाहन की मांग नहीं की थी। वह अपनी मर्जी से शव ले गए थे। एंबुलेंस न उपलब्ध कराने का आरोप पूरी तरह से गलत है।

मामला बढ़ने पर सीएचसी अधीक्षक को किया निलंबित

दूसरी ओर सीएचसी अधीक्षक का कहना है कि शव ले जाने के लिए वाहन मांगा जाता तो उपलब्ध कराया जाता। अगर वाहन नहीं है तो 100 शैय्या अस्पताल से वाहन मंगाकर शव घर भिजवाया जाता है।

हालांकि (UP News) सीएचसी अधीक्षक की यह सफाई काम नहीं आई और बुधवार को उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी गई। और इन्हें निलंबित कर दिया गया था।

यह भी पढ़ें : ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’, चढ़ाने जा रहे थे बलि, रास्ते में हुई 4 की मौत, लेकिन बकरा बचा

Exit mobile version