UPSC Success Stories : कहते हैं अगर आप जब कुछ ठान लेते है तो हर असंभव काम भी संभव बन जाता है. अपने जज्बे और कड़ी मेहनत के चलते लोगों ने अपने मुकाम को हासिल किया और लोगों के लिए मिसाल पेश किया था. UPSC जैसी बड़ी परीक्षाओं में लोग जहां ढ़ेरों कोचिंग और किताबों के पीछे लगे रहते हैं फिर भी मंजिल को नहीं पाते हैं. ऐसे में आज हम आपको ऐसे पांच ऑफिसर्स (UPSC Success Stories) कि कहानी बताने वाले हैं जिन्होंने अपने दम पर हर परीक्षा को पास कर बड़ा पद पाया था. ये कहानियां विपरीत स्थितियों का सामना करने में दृढ़ संकल्प की विचारधारा को दर्शाती है. कठिनाईयों में भी आशा की किरण के रूप में बने रहते हैं.
1. मोहम्मद अली शिहाब :
केरल के एडवानापारा के सुदूर गांव से आने वाले आर्थिक तंगी के कारण उनका पालन-पोषण अनाथालय में हुआ था. उनका प्रारंभिक जीवन अपने पिता के साथ पान के पत्ते और बांस की टोकरी बेचने बीता था. इन मुश्किलों के बावजूद भी उन्होंने खुद को सीखने के लिए समर्पित कर दिया. समय के साथ अपने कौशल को विकसित किया. एक चपरासी और एक क्लर्क के रूप में मामूली शुरुआत से लेकर अंततः एक सरकारी स्कूल शिक्षक भी बने थे. इसके बाद उन्होंने UPSC कि (UPSC Success Stories) तैयारी कि और फिर परीक्षा में 226 रैंक हासिल की थी.
2. श्वेता अग्रवाल :
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की रहें वाली श्वेता अग्रवाल ने अपने जीवन में कठिनाई का सामना किया. इसके साथ ही उन्होंने UPSC कि पढ़ाई करना चाही तो इसकी अध्ययन सामग्री जुटाने के उनके पास पैसे नहीं थे. उनके माता-पिता, जो मामूली किराना व्यापारी थे, केवल इतना ही दे सकते थे. सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल और बाद में कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की. उन्होंने फाइनेंसियल दौर को पार किया और फिर दृढ़ता के साथ परीक्षा (UPSC Success Stories) की तैयारी को किया था. इसके बाद उन्होंने साल 2015 में यूपीएससी परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की.
3. गोपाल कृष्ण रोनांकी :
आंध्र प्रदेश के 29 वर्ष गोपाल कृष्ण रोनांकी ने 2016 की यूपी सिविल सेवा परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की थी. श्रीकाकुलम जिले के परसाबा गांव के रहें वाले गोपाल कृष्ण का बचपन संघर्षों से बीता था. लेकिन उनका लक्ष्य अटल था और उन्होंने जों ऑफिसर बनने का सपना (UPSC Success Stories) देखा था उसे पूरा करके ही दम लिया था.
4. शिखा सुरेंद्रन :
केरल के एर्नाकुलम के एक छोटे से गाँव की रहने वाली शिखा सुरेंद्रन को ऑफिसर बनने कि लगन अपने पिता से लगी थी. जब उनके पिता ने कहा था कि शिक्षा ही समृद्ध विकास हैं. उन्होंने बीटेक में एडमिशन लिया और उसके बाद उन्होंने UPSC का तैयारी कि थी. स्वअध्ययन पर भरोसा करते हुए उन्होंने UPSC कि (UPSC Success Stories) तैयारी कि थी. साल 2017 के यूपीएससी परीक्षा में शानदार 16वीं रैंक प्राप्त की थी.
5. शिवगुरु प्रभाकरन :
तमिलनाडु के तंजावुर के एक गांव के रहने वाले शिवगुरु ने इंजीनियरिंग कि पढ़ाई की थी. उन्होंने 2014 में आईआईटी-मद्रास से एम.टेक. डिग्री हासिल करके बाद UPSC की (UPSC Success Stories) तैयारी शुरू की थी. उन्होंने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की. शिवगुरु ने बचपन से ही कठिनाईयों का सामना किया था.