Viral Diseases : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में एक ऐसा गांव है जहां पिछले कई सालों से लोग एक अजीबोगरीब बीमारी (Viral Diseases) से ग्रसित हैं। लोग आज तक इसके पीछे की वजह नहीं समझ पाए हैं। 150 की आबादी वाले इस गांव में 100 से ज्यादा लोगों के दांत सड़ चुके हैं और पीले हो चुके हैं।
इनके दांतों को देखकर ऐसा लगता है जैसे ये पान मसाला या गुटखा खाते हैं। इतना ही नहीं यहां 25 लोग ऐसे हैं जिन्हें छोटी सी उम्र में ही झुककर चलने की बीमारी हो गई है।
30 सालों से छत्तीसगढ़ में फैली है ये बीमारी
हम बात कर रहे हैं रामचंद्रपुर विकासखंड के हरधीटार गांव की। इस गांव में 150 से ज्यादा लोग रहते हैं लेकिन ये लंबे समय से एक बीमारी (Viral Diseases) से ग्रसित हैं। यहां रहने वाले 100 से ज्यादा युवा, बच्चे और बूढ़े लोगों के दांत सड़ चुके हैं। इसकी वजह यहां का पानी है।
अब ये आंकड़ा और भी बढ़ने लगा है। जिसकी वजह से लोगों को खाने-पीने में दिक्कत होने लगी है। यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि ये समस्या पिछले 30 सालों से है।
सैकड़ों के दांत सड़े और कमर झुकी
इस समस्या से लोग इतने हताश और परेशान हो चुके हैं कि वे अपनी समस्या किसी को बताना भी उचित नहीं समझते। लोगों ने डॉक्टरों से भी सलाह ली। लेकिन यह बीमारी (Viral Diseases) ठीक नहीं हो सकी। यहां रहने वाले लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे बाहर किसी बड़े डॉक्टर से अपना इलाज करा सकें।
ग्रामीणों ने बताया कि जब बच्चे पैदा होते हैं तो 5 साल तक उनके दांत ठीक रहते हैं। बाद में धीरे-धीरे दांत पीले होने लगते हैं। बाद में दांत फिर सड़ने लगते हैं।
क्या है इस बीमारी की ख़ास वजह?
लोगों का कहना है कि उनके गांव में पानी की समस्या है। इस वजह से उन्हें मजबूरन बोरवेल का पानी पीना पड़ता है। बोरवेल का पानी इतना खराब है कि अगर आप इसे रात में किसी बर्तन में रख दें तो सुबह तक वह बर्तन पीला हो जाता है। शायद यही वजह है कि उनके दांत भी खराब हो रहे हैं।
रिपोर्ट आने के बाद ना तो इन स्रोतों को बंद किया गया और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। जांच में पाया गया कि पीथापारा, नांगलदेही, गोहरापदर, दरलीपारा जैसे अधिक फ्लोराइड वाले गांवों में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से पीड़ित पाए गए।
स्वास्थ्य विभाग की रोकथाम भी नहीं आ रही काम
इस बीमारी (Viral Diseases) के लिए स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाकर और डेंटल ट्रीटमेंट के जरिए इलाज करता है। इसके बावजूद अगर इस गांव में खराब दांतों की समस्या है तो जल्द ही यहां कैंप लगाकर उनका इलाज किया जाएगा।
उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि वहां का पानी खराब है जिसमें फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है। पानी की नियमित जांच होनी चाहिए। लोगों को गर्म पानी पीना चाहिए। जिले के सीएमओ का मानना है कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
क्या होती है फ्लोराइड की बीमारी
फ्लोराइड सभी बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है। हमारे मुंह में बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों और हमारे द्वारा पिए जाने वाले पेय पदार्थों में मौजूद शर्करा के साथ मिलकर एक एसिड बनाते हैं।
ये हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाता है। फ्लोराइड हमारे दांतों की रक्षा करता है। लेकिन बहुत अधिक फ्लोराइड डेंटल फ्लोरोसिस नामक बीमारी (Viral Diseases) पैदा कर सकता है।
फ्लोरोसिस से बचने के क्या उपाय हैं
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