Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास हरवान इलाके में सोमवार को ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए. यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था जिसमें 26 हिंदुओं का नरसंहार हुआ था. इसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे.
सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकवादी पहलगाम हमले से जुड़े थे और इस ऑपरेशन का नाम भगवान शिव के सम्मान में महादेव (Operation Mahadev) रखा गया था, जिनका कश्मीर में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है.
ऑपरेशन का आधार और शुरुआत
During ongoing #searchoperations under #OperationMahadev, security forces have uncovered crucial evidence from a #terrorist #hideout. Photographs from the site reveal that the terrorists were camping deep in the forest, fully #equipped with supplies and gear — indicating they… pic.twitter.com/xLZ1nUVkqn
— News9 (@News9Tweets) July 28, 2025
भारतीय सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि हरवान के मुलनार इलाके में खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया. दो दिन पहले दाचीगाम जंगल में संदिग्ध संचार पर नज़र रखने और स्थानीय खानाबदोशों से मिली जानकारी के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई.
ऑपरेशन के दौरान लिडवास इलाके में आतंकवादियों से संपर्क स्थापित हुआ और दो बार गोलीबारी की आवाज़ें सुनी गईं। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर गहन तलाशी अभियान में तीन आतंकवादियों को मार गिराया.
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आतंकवादी ठिकानों को किया नष्ट
पहलगाम हमला, जिसे लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया था, मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर बैसरन घाटी में हुआ. इस हमले ने कश्मीर में पर्यटन और शांति बहाली के प्रयासों को झटका दिया. जवाब में, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया.
ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) को इसी की अगली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य आतंकवादी ढाँचे का पूरी तरह से सफाया करना था.
Operation Mahadev का महत्व
ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है, जो कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं। यह नाम आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ संकल्प और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है. अब तक की रिपोर्ट के अनुसार मारे गए आतंकवादियों में से दो पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे, जिनमें से एक की पहचान मूसा के रूप में हुई है. हालाँकि, सेना ने अभी तक उनकी पहचान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। ऑपरेशन के दौरान ड्रोन की मदद से आतंकवादियों के शव बरामद किए गए। आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने वाले स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
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